परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी [Probation Trainyee]

Munnalal
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प्रोबेशनर ट्रेनी : सामान्य नियम

  नियुक्ति एवं पारिश्रमिक

  राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 8 के अनुसार दिनांक 20.01.2006 को या उसके बाद सरकारी सेवा में नियुक्त व्यक्ति को 2 साल की अवधि के लिए परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु के रूप में रखा जाएगा ।

  एक प्रोबेशनर-प्रशिक्षु सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित नियत पारिश्रमिक प्राप्त करेगा ।

 राजस्थान पुनरीक्षित वेतनमान (संशोधित) नियम 2017 : परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थीयों के लिए नियत पारिश्रमिक

क्र. सं

मौजूदा ग्रेड पे सं

मौजूदा ग्रेड पे संमौजूदा पारिश्रमिकनया लेवलसंशोधित पारिश्रमिक
1.170026670L-112400
2.175037400L-212600
3.190047400L-312800
4.200057790L-413500
5.240098910L-514600
6.24009A8910L-615100
7.24009B8910L-715700
8.280010A11820L-818500
9.280010B11820L-920100
10.36001113200L-1023700
11.42001214660L-1126500
12.48001417230L-1231100
13.54001522180L-1439300
14.60001624030L-1542500
15.66001726670L-1647200
16.68001828120L-1749700
17.72001929840L-1852800
18.76002031620L-1956000
19.82002135180L-2062300
20.87002248710L-2186200
21.89002351350L-2290800
22.950023A54120L-23102100
23.100002457820L-24104200
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 राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 24 के अनुसार यदि कोई सरकारी कर्मचारी पहले से ही राज्य सरकार की नियमित सेवा में है, 20.01.2006 को या उसके बाद दो वर्ष की अवधि के लिए परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु के रूप में नियुक्त किया जाता है, तो उसे अपने पिछले पद के वेतनमान में वेतन या सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित दरों पर निश्चित पारिश्रमिक जो भी उसके लिए लाभदायक हो, दिया जाएगा

  परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी को परिवीक्षा काल में नियत पारिश्रमिक के अलावा अन्य किसी भी प्रकार के भत्ते देय नहीं होंगे |

  कटौतियां

❖  परिवीक्षा काल में राज्य बीमा कटौती नहीं होगी

  परिवीक्षा काल में सामूहिक दुर्घटना बीमा की कटौती होगी |

  प्रोबेशनर ट्रेनी के रूप में नियुक्त कार्मिकों के लिये पुरानी पेंशन योजना लागू करने के निर्णय के दृष्टिगत सामान्य प्रावधायी निधि हेतु अभिदान की नियत पारिश्रमिक से मासिक कटौती संदर्भः वित्त विभाग का समसंख्यक आदेश दिनांक 25-5-2022.

वेतन मैट्रिक्स में 18000/- तक मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी

रु. 265

वेतन मैट्रिक्स में मूल वेतन रु. 180001 से 33500 तक मूल वेतन पाने वाले कर्मचारीरु. 440
वेतन मैट्रिक्स में 18000/- तक मूल वेतन पाने वाले कर्मचारीरु. 265
वेतन मैट्रिक्स में रु.33500/- से 54000/- तक मूल वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारीरु. 658
वेतन मैट्रिक्स में रु.54000/- से अधिक मूल वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारीरु. 875

   वित्त विभाग आदेश के दिनांक 07.07.2021 में दिनांक 01.01.2004 एवं उसके पश्चात नियुक्त कार्मिकों के अनुसार आरजीएचएस फण्ड के अन्तर्गत कटौती की जानी है। इस हेतु परिवीक्षाधीन कार्मिक जिस पद पर नियुक्त हुए हैं, उस पद की पे-मैट्रिक्स के अनुसार निर्धारित स्लेब में, जो कि दिनांक 01.01.2004 एवं उसके पश्चात नियुक्त कार्मिकों पर लागू है, निम्नानुसार हुए कटौती की जानी है 

  अवकाश

❖  राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 122 ए के अनुसार परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को परिवीक्षा अवधि के दौरान कोई अवकाश अर्जित नहीं करेगा ।

❖  मातृत्व अवकाश :- महिला परिवीक्षाधीन प्रशिक्षुओं को राजस्थान सेवा नियम 103 के अनुसार डॉक्टर के प्रमाण पत्र के आधार पर 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलता है प्रोबेशन में मातृत्व अवकाश DDO के स्तर पर स्वीकृत किये जाते है। इसमे प्रोबेशन आगे नही बढता है तथा अवकाश पर जाने से पूर्व के आहरित वेतन की दर के (अवकाश वेतन) अनुसार मातृत्व अवकाश की अवधि में नियमित वेतन का भुगतान किया जाता है मातृत्व अवकाश को किसी अन्य प्रकार के अवकाश के साथ लिया जा सकता है ।

❖  पितृत्व अवकाश : - पुरुष परिवीक्षाधीन प्रशिक्षुओं को नियम 103 ए के अनुसार पत्नी के प्रसव होने पर 15 दिन का पितृत्व अवकाश पत्नी की देख भाल हेतु मिलता है जो प्रसव से 15 दिन पूर्व से प्रसव के तीन महीने में लिया जा सकता है। प्रोबेशन में पितृत्व अवकाश DDO के स्तर पर स्वीकृत किये जाते है। इन अवकाश के स्वीकृत होने पर प्रोबेशन आगे नही बढ़ता है।

❖  असाधारण अवकाश (Wpl) : परिवीक्षाधीन प्रशिक्षार्थी कर्मचारियों को एक माह तक का असाधारण अवकाश चिकित्सा एवं अन्य निजी कारणों से नियुक्ति अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है । एक माह से अधिक असाधारण अवकाश कार्मिक के खुद का या उस पर आश्रित परिवार के किसी सदस्य के चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर प्रशासनिक विभाग स्वीकृत करता है एक माह (30 दिन) से अधिक लिए गए असाधारण अवकाश पर परिवीक्षा काल में असाधारण अवकाश की पूरी अवधि की वृद्धि होगी 

❖  सेवा में लगने से पहले का कोई कोर्स पूर्ण करने के लिए सक्षम अधिकारी (नियुक्ती अधिकारी) से अनुमति ले कर कोर्स पूरा किया जा सकता है उस अवधि के लिए प्रोबेशनकाल में Wpl सेक्शन की जाएगीइस प्रकार का अवकाश लेने पर प्रोबेशन भी सम्पूर्ण अवकाश अवधि तक आगे बढ़ जाता है। प्रोबेशन में 30 दिन तक का असाधरण अवकाश (wpl) नियुक्ति अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाता है उससे अधिक अवधि का wpl राज्य सरकार के प्रशासनिक विभाग द्वारा स्वीकृत किया जाता है। 

❖  परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु जो परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु के रूप में सेवा में शामिल होने से पहले अध्ययन के किसी भी पाठ्यक्रम को जारी रख रहा था या नजदीकी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था और छुट्टी पर जाने से पहले असाधारण छुट्टी के लिए आवेदन किया है तो उसे अध्ययन के किसी भी पाठ्यक्रम को जारी रखने या नजदीकी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की अवधि के लिए असाधारण छुट्टी की अनुमति दी जा सकती है । इस प्रकार का अवकाश लेने पर प्रोबेशन भी सम्पूर्ण अवकाश अवधि तक आगे बढ़ जाता है। [वित्त विभाग के आदेश दिनांक 22/02/2021]

❖ चाइल्ड केयर लीव (CCL) : - आमतौर पर परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु को परिवीक्षा अवधि के दौरान Child Care Leave स्वीकृत नहीं किया जाएगा। तथापिविशेष परिस्थितियों में यदि परिवीक्षा अवधि के दौरान Child Care Leave स्वीकृत किया जाता है तो परिवीक्षा काल उतने ही दिन आगे बढेगा जितने दिन की Child Care Leave स्वीकृत किया जाता है

❖  यदि कोई कार्मिक प्रोबेशनकाल में पूर्व पद का वेतन आहरित कर रहा है तो वह पूर्व पद की जमा PL या Hpl का उपयोग कार्यालय अध्यक्ष की अनुमति से नये प्रोबेशनकाल में कर सकता है। इससे प्रोबेशन आगे नहीं बढ़ेगा ।

❖  आकस्मिक अवकाश (CL) :- 7 वे वेतनमान की मूल अधिसूचना 30/10/2017 के अनुसार एक वर्ष में 15 CL देने का प्रावधान है। अवकाशकालीन कार्मिको के CL की गणना एक जुलाई से तीस जून तक की जाती है एवं अन्य कर्मचारियों के CL की गणना केलेंडर वर्ष के अनुसार एक जनवरी से 31 दिसम्बर तक की जाती है। एक कलैंडर वर्ष से कम अवधि के लिए आकस्मिक अवकाश अनुपातिक रूप से देय होंगे (एक complete माह की सेवा पूर्ण करने पर 1.25 CL देय होगी)

  वेतन निर्धारण

❖  परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी द्वारा परिवीक्षा काल सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर उसके पद के पे मेट्रीक्स में पे लेवल की प्रथम सेल में वेतन स्वीकृत की अनुमति दी जाएगी ।

❖   एक सरकारी कर्मचारी जो पहले से ही राज्य सरकार की नियमित सेवा में है यदि उसकी नियुक्ति किसी अन्य समान या उच्च पद पर परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी के रूप में होती है और वह पूर्व पद के पे लेवल में वेतन प्राप्त करने का विकल्प प्रस्तुत करता है तो उसे परिवीक्षा काल में पूर्व के पद के पे लेवल में वार्षिक वेतन वुद्धि देय होगी तथा परिवीक्षा काल के सफल समापन पर नये पद के निर्धारित पे लेवल के समान सेल में स्थिर किया जायेगासमान सेल उपलब्ध नहीं होने पर उसी लेवल मे अगले उच्चतर सेल में स्थिर किया जायेगा

❖  मकान किराया भत्ता उन कर्मचारियों को स्वीकार्य होगा जो एचआरए नियम 1989 के नियम 4(4) में निर्धारित प्रावधानों के अनुसारअपनी परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु अवधि के सफल समापन के एक महीने के भीतर या नियमित वेतनमान में वेतन आरहण के एक महीने के भीतर आवेदन करते हैं ।

❖   वित्त विभाग के आदेश दिनांक 26 जुलाई 2023 के अनुसार 30 जून से 30 दिसम्बर (दोनों दिन सम्मिलित) के बीच की अवधि के दौरान 01.04.2023 को या उसके बाद परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूरी करने पर और राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम 2017 के नियम 17 के अनुसार पद के वेतन स्तर में न्यूनतम वेतन (प्रथम प्रकोष्ठ) स्वीकृत करने पर प्रत्येक नवनियुक्त को पहली वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जनवरी को दी जाएगीजो परिवीक्षा अवधि के सफलतापूर्वक पूरा होने की तिथि के तुरंत बाद होगी और इसी प्रकार, 31 दिसम्बर से 29 जून (दोनों दिन सम्मिलित) के बीच की अवधि के दौरान 01.04.2023 को या उसके बाद परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूरी करने पर और राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम 2017 के नियम 17 के अनुसार पद के वेतन स्तर में न्यूनतम वेतन (प्रथम प्रकोष्ठ) स्वीकृत करने पर प्रत्येक नवनियुक्त को पहली वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जुलाई को दी जाएगीजो परिवीक्षा अवधि के सफलतापूर्वक पूरा होने की तिथि के तुरंत बाद होगी। अगली वार्षिक वेतन वृद्धि केवल एक वर्ष पूरा होने के बाद ही दी जाएगी।"

  सेवा

❖  यदि राज्य सेवा में किसी पद पर नियुक्त एक प्रोबेशनर एक पद की निर्धारित परिवीक्षा अवधि पूर्ण किये बिना किसी दूसरे पद पर नियुक्त हो जाता है तो पू्र्व पद पर की गई सेवा को नवीन पद के सम्बन्ध में नहीं गिना जाएगा ➥नियम 26(1) (वित्त विभाग के आदेश दिनांक 30/10/2017 )

❖  परिवीक्षा प्रशिक्षण की अवधि वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए नहीं गिनी जाएगी ।

❖  प्रोबेशन अवधि पदोन्नति व मोडीफाईड आश्वासित कैरियर प्रगति (MACP) के लिए सेवा अवधि की गणना हेतु मान्य होती है।( वित्त विभाग के आदेश दिनांक 26-04-2011)

  बोनस

❖  परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु के रूप में नियुक्त कर्मचारी तदर्थ बोनस के लिए पात्र नहीं होंगे ।

❖  वित्त विभाग द्वारा दिनांक 18.11.2019 को जारी आदेशानुसार प्रोबेशनर ट्रेनी जो पूर्व में नियमित राजकीय सेवा में नियुक्त थे और पूर्व पद का वेतन आहरित कर रहें है । वे तदर्थ बोनस के लिए पात्र नहीं होंगे

राजस्थान सरकार

 वित्त विभाग (नियम प्रभाग) 

अधिसूचना 

संख्या एफ.आई(2)एफ.डी//2006                                                   जयपुरदिनांक : 13.03.2006

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भारत के संविधान के अनुच्छेद 300 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त प्रावधानों का प्रयोग करते हुए राज्यपालराजस्थान सेवा नियम, 1951 को और संशोधित करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाते हैंअर्थात्:-

1. इन नियमों को राजस्थान सेवा (संशोधन) नियम, 2006 कहा जा सकेगा। 

2. ये 20.1.2006 से प्रभावी माने जाएंगे। 

3 उक्त नियमों में -

(i) RSR 1951 के नियम 7 के खंड (8) के उपखंड (क) के विद्यमान मद (iii) के नीचेनिम्नलिखित नया मद (iv) सम्मिलित किया जाएगाअर्थात्:- "(iv) परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु"

(ii) मौजूदा नियम 8 को नियम 8 ए (प्रथम नियुक्ति पर आयु) के रूप में पुनः क्रमांकित किया जाएगा तथा निम्नलिखित नया नियम 8 सम्मिलित किया जाएगाअर्थात्: "

नियम 8. दिनांक 20.01.2006 को या उसके बाद सरकारी सेवा में नियुक्त व्यक्ति को 2 साल की अवधि के लिए परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु के रूप में रखा जाएगा। एक प्रोबेशनर-प्रशिक्षु सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित नियत पारिश्रमिक प्राप्त करेगा और परिवीक्षा काल के सफल समापन के बाद उसे उसके पद के पे मेट्रीक्स में पे लेवल की प्रथम सेल में वेतन स्वीकृत की अनुमति दी जाएगी तथा परिवीक्षा प्रशिक्षण की अवधि वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए नहीं गिनी जाएगी।

(iii) RSR 1951 के नियम 7 के विद्यमान खण्ड (30) के नीचेनिम्नलिखित नया खण्ड (30क) अंतःस्थापित किया जाएगाअर्थात्

"(30 क) परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु : इसका तात्पर्य सेवा संवर्ग में स्पष्ट रिक्ति के विरुद्ध सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्त व्यक्ति से हैजिसे दो वर्ष की अवधि या बढ़ाई गई अवधियदि कोई होके लिए निश्चित पारिश्रमिक पर प्रशिक्षण दिया गया हो।"

(iv) विद्यमान नियम 24 के अंत में निम्नलिखित नए प्रावधान जोड़े जाएंगेअर्थात्:-

"इसके अतिरिक्तपरिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित दरों पर निश्चित पारिश्रमिक मिलेगा तथा परिवीक्षा अवधि पूरी होने परपरिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूरी होने के अगले दिन सेइस नियम के अंतर्गत पद के वेतनमान का न्यूनतम वेतन दिया जाएगा। 

इसके अतिरिक्तयह भी प्रावधान है कि कोई सरकारी कर्मचारीजो पहले से ही राज्य सरकार की नियमित सेवा में हैयदि 20.1.2006 को या उसके बाद दो वर्ष की अवधि के लिए परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु के रूप में नियुक्त किया जाता हैतो उसे अपने पिछले पद के वेतनमान में वेतन  या सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित दरों पर निश्चित पारिश्रमिक दिया जाएगाजो भी उसके लिए लाभदायक हो तथा परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु की अवधि सफलतापूर्वक पूरी होने के बादउसका वेतन नियम 26 के प्रावधानों के अनुसार नए पद के वेतनमान में निर्धारित किया जाएगा।"

(v) नियम 26 के विद्यमान उपनियम (1) के अंत में निम्नलिखित नया प्रावधान जोड़ा जाएगाअर्थात्: -

"परन्तु परिवीक्षा अवधि के दौरान इस नियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे। परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को उसके पूर्व पद के वेतनमान में वेतन या नियम 24 के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित पारिश्रमिक दिया जाएगा। परिवीक्षा प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के पश्चात उसका वेतन इस नियम के प्रावधानों के अंतर्गत निर्धारित किया जाएगा।

(vi) विद्यमान नियम 27 बी के नीचेनिम्नलिखित नया नियम 27सी जोड़ा जाएगाअर्थात्:-

"27 सी- नियम 27 ए और 27बी के प्रावधान परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु पर लागू नहीं होंगे। परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूरी करने के पश्चातपरिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को परिवीक्षा अवधि के दौरान वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी ।

(vii) मौजूदा नियम 122 के नीचे,  निम्नलिखित नया नियम 122ए जोड़ा जाएगाअर्थात्: 

122    (i) परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को परिवीक्षा अवधि के दौरान कोई अवकाश नहीं मिलेगा। 

           (ii) महिला परिवीक्षाधीन प्रशिक्षुओं को नियम 103 और 104 के अनुसार मातृत्व अवकाश दिया जाएगा।

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राजस्थान सरकार 

वित्त विभाग (नियम प्रभाग) 

ज्ञापन 

संख्या एफ.1(2)एफडी(नियम)/06 भाग-I                                         जयपुरदिनांक : 22.05.2009 

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विषय: परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षुओं द्वारा परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने तथा पद के वेतनमान/चालू वेतन बैंड में वेतन दिए जाने के संबंध में। 

राजस्थान सेवा नियमों के नियम 24 में निहित प्रावधानों के अनुसारपरिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित दरों पर एक निश्चित पारिश्रमिक का हकदार है तथा परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने परपरिवीक्षा प्रशिक्षण अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने के अगले दिन सेपद के वेतनमान/चालू वेतन बैंड का न्यूनतम वेतन इस नियम के अंतर्गत अनुमन्य किया जाएगा। राजस्थान सेवा नियमों के नियम 27 सी में निहित प्रावधानों के अनुसारपरिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को परिवीक्षा प्रशिक्षण की अवधि के दौरान वार्षिक वेतन वृद्धि के अनुदान का अधिकार नहीं है। 

राजस्थान सेवा नियमों के नियम 96 (बी) के तहतराजस्थान सरकार के निर्णय संख्या 3 के साथ पठितएक अस्थायी सरकारी कर्मचारी केवल तीन महीने के लिए असाधारण अवकाश का हकदार है। 

राजस्थान सेवा नियमों के नियम 122ए (i) के अनुसारएक परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को परिवीक्षा अवधि के दौरान कोई अवकाश अर्जित नहीं करना चाहिए। असाधारण अवकाश प्रदान करने के लिए उसे अस्थायी आधार पर नियुक्त व्यक्ति के समान माना जा सकता है। 

सरकार के ध्यान में कुछ मामले आए हैंजिनमें एक परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को परिवीक्षा प्रशिक्षण की अवधि के दौरान तीन महीने की अवधि से परे असाधारण अवकाश की अनुमति दी गई है/उसने इसका लाभ उठाया है। 

एक प्रश्न उठाया गया है कि एक परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु की अवधि के 'सफल समापनके निर्धारण की प्रक्रिया क्या होनी चाहिए। 

परिवीक्षा प्रशिक्षण की अवधि को 'सफलतापूर्वक पूर्णकरने के रूप में निर्धारित करने के लिए दो वर्ष की सेवा को उपयुक्त माना गया है। असाधारण अवकाश को सेवा के रूप में गिना जाता हैलेकिन ऐसे मामलों मेंजहां कोई परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु लंबी अवधि के लिए असाधारण अवकाश पर रहता हैयह नहीं कहा जा सकता है कि उसने परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु के रूप में सफलतापूर्वक कार्य किया है। किसी परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु के वास्तविक कार्य को निर्धारित किए बिनासक्षम प्राधिकारी द्वारा यह सत्यापित नहीं किया जा सकता है कि परिवीक्षा प्रशिक्षण की अवधि के दौरान उसकी सेवा सफल रही है। 

तदनुसारमामले पर विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि नियुक्ति प्राधिकारी परिवीक्षा प्रशिक्षण की संपूर्ण अवधि के दौरान किसी परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को तीन माह तक का असाधारण अवकाश स्वीकृत कर सकता है। यदि नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा परिवीक्षा अवधि के दौरान तीन माह की अवधि से अधिक का असाधारण अवकाश असाधारण परिस्थितियों में वित्त विभाग की सहमति से स्वीकृत किया जाता हैतो परिवीक्षा की अवधि तीन माह से अधिक लिए गए असाधारण अवकाश की अवधि तक बढ़ाई जाएगी। हालांकिअधिकतम अवधि जिसके लिए परिवीक्षा बढ़ाई जा सकती हैएक वर्ष होगी। .

जहां नियुक्ति प्राधिकारीकिसी परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु के परिवीक्षा प्रशिक्षण की अवधि पूरी होने परपरिवीक्षा प्रशिक्षण की अवधि बढ़ाने का निर्णय लेता हैवहां परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु कोपरिवीक्षा प्रशिक्षण की विस्तारित अवधि के सफलतापूर्वक पूरा होने पर हीपद के वेतनमान/रनिंग पे बैंड में वेतन की अनुमति दी जाएगी।

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राजस्थान सरकार 

वित्त विभाग (नियम प्रभाग) 

ज्ञापन 

संख्या एफ.1(2)एफडी(नियम)/06 भाग-I                                           जयपुरदिनांक : 11 जून 2014

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विषय: परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षुओं द्वारा परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने तथा पद के वेतनमान/चालू वेतन बैंड में वेतन प्रदान करने के संबंध में। 

वित्त विभाग के समसंख्यक ज्ञापन दिनांक 22.05.2009 द्वारा परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को परिवीक्षा प्रशिक्षण अवधि में असाधारण अवकाश प्रदान करने तथा परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने के संबंध में प्रावधान किए गए हैं। नियुक्ति प्राधिकारी वर्तमान में परिवीक्षा प्रशिक्षण की संपूर्ण अवधि के दौरान परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को तीन माह तक का असाधारण अवकाश स्वीकृत करने के लिए प्राधिकृत है। नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा वित्त विभाग की सहमति से असाधारण परिस्थितियों में परिवीक्षाधीन प्रशिक्षण अवधि में तीन माह से अधिक का असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। 

ज्ञापन में यह भी प्रावधान किया गया है कि परिवीक्षा अवधि को तीन माह से अधिक असाधारण अवकाश लिए जाने की अवधि तक बढ़ाया जाएगाजो अधिकतम एक वर्ष तक हो सकता है।

परिवीक्षाधीन प्रशिक्षुओं के असाधारण अवकाश के मामलों के शीघ्र निपटान के लिएनिम्नानुसार असाधारण अवकाश प्रदान करने की शक्तियां प्रत्यायोजित करने का निर्णय लिया गया है :-

क्र.सं.  असाधारण अवकाश अवधि                            अवकाश स्वीकृत करने के लिए सक्षम प्राधिकारी

1. तीन माह तक                                                                नियुक्ति प्राधिकारी

2. तीन माह से अधिक परंतु एक वर्ष से अधिक अवधि नहीं।  प्रशासनिक विभाग के अनुमोदन से नियुक्ति प्राधिकारी।

असाधारण एवं अपरिहार्य परिस्थितियों में एक वर्ष से अधिक अवधि का असाधारण अवकाश नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा कार्मिक विभाग एवं वित्त विभाग के पूर्व अनुमोदन से ही प्रदान किया जाएगा।

परिवीक्षा अवधि के विस्तार से संबंधित प्रावधान को संशोधित करने का भी निर्णय लिया गया है। ऐसे सभी मामलों में जहां एक माह से अधिक अवधि के लिए असाधारण अवकाश लिया जाता हैवहां एक माह से अधिक अवधि के लिए परिवीक्षा अवधि बढ़ाई जाएगी।

इस ज्ञापन के जारी होने से पहले प्रोबेशनर ट्रेनी से संबंधित असाधारण छुट्टी के लंबित मामलों पर भी नियुक्ति प्राधिकारी और प्रशासनिक विभाग द्वारा इस आदेश के अनुसार निर्णय लिया जा सकेगा । 

यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। 

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राजस्थान सरकार 

वित्त विभाग (नियम प्रभाग)

ज्ञापन

एफ.1(2)एफडी/नियम/2006 भाग-I                                           जयपुरदिनांकः 07 अगस्त 2014

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विषय: परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु द्वारा परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने तथा पद के वेतनमान/चालू वेतन बैंड में वेतन प्रदान करने के संबंध में।

वित्त विभाग के समसंख्यक ज्ञापन दिनांक 22.05.2009 में निहित प्रावधानों के अनुसार जिन परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु ने परिवीक्षा अवधि के दौरान 90 दिवस से अधिक किन्तु एक वर्ष तक असाधारण अवकाश लिया हैउनकी परिवीक्षा अवधि 90 दिवस से अधिक अवधि के लिए बढ़ाई गई थी।

उक्त ज्ञापन में आंशिक संशोधन करते हुए वित्त विभाग के समसंख्यक ज्ञापन दिनांक 11.06.2014 के अनुसार एक माह से अधिक तथा एक वर्ष तक के लिए ली गई असाधारण छुट्टी की अवधि को एक माह से अधिक ली गई असाधारण छुट्टी की अवधि तक बढ़ाया जाना है तथा यह प्रावधान दिनांक 11.06.2014 को लंबित मामलों पर भी लागू किया गया है। इसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों के एक ही वर्ग के बीच असमानता उत्पन्न हो गई हैक्योंकि असाधारण छुट्टी की मंजूरी के मामलों पर निर्णय लेने में देरी संबंधित नियुक्ति प्राधिकारियों की ओर से थीन कि संबंधित कर्मचारियों की ओर से। तदनुसारमामले पर विचार किया गया है तथा यह निर्णय लिया गया है कि 11.06.2014 से पूर्व असाधारण छुट्टी का लाभ उठाने वाले कर्मचारियों के सभी लंबित मामलों में परिवीक्षा की अवधि को तीन माह से अधिक ली गई असाधारण छुट्टी की अवधि तक बढ़ाया जाना है। तथापिछुट्टी स्वीकृत करने के लिए सक्षम प्राधिकारी दिनांक 11/06/2014 के वित्त विभाग ज्ञापन के प्रावधान के अनुसार होगा। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि जो कर्मचारी 11.06.2014 से पहले भी असाधारण अवकाश का लाभ ले रहे हैंऐसे मामलों पर वित्त विभाग के समसंख्यक ज्ञापन दिनांक 11.06.2014 के प्रावधानों के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

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राजस्थान सरकार वित्त विभाग 

(भूमिका विकास) 

ज्ञापन 

संख्या एफ.1(1)एफडी/नियम/2006-1 जयपुर,                                           दिनांक : 8 अगस्त 2019

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विषय:- परिवीक्षाधीन प्रशिक्षुओं द्वारा परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने तथा पद के वेतनमान/चालू वेतन बैंड में वेतन प्रदान किए जाने के संबंध में। 

वित्त विभाग के समसंख्यक ज्ञापन दिनांक 11.06.2014 में आंशिक संशोधन करते हुए उक्त ज्ञापन के पैरा 2 एवं 3 में विद्यमान प्रावधानों के स्थान पर परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु को असाधारण अवकाश प्रदान किए जाने की शक्तियां निम्नानुसार प्रत्यायोजित की जाती हैं:- 

असाधारण अवकाश की अवधि                                 ईओएल प्रदान करने हेतु सक्षम प्राधिकारी 

1. एक माह तक                                                                 नियुक्ति प्राधिकारी 

2 अपवादात्मक परिस्थितियों में एक माह से अधिक                    प्रशासनिक विभाग 

अपरिहार्य परिस्थितियों में असाधारण अवकाश प्रदान किए जाने की शक्तियां प्रत्यायोजित की जाती हैं। परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु को असाधारण अवकाश स्वीकृत करने की शक्तियां निम्नलिखित दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अधीन होंगी:-

1. ऐसे सभी मामलों में असाधारण अवकाश की पूर्व स्वीकृति अनिवार्य होगी।

2. बिना पूर्व स्वीकृति के असाधारण अवकाश पर जाने वालों को जानबूझकर अनुपस्थित माना जाएगा तथा उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

3. स्वयंपत्नी/पतिमातापिता एवं बच्चों की गंभीर बीमारी के कारण असाधारण अवकाश के आवेदन की स्थिति में अधिकृत चिकित्सा सहायक के प्रमाण-पत्र के आधार पर असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।

4. चिकित्सा संबंधी अत्यावश्यक परिस्थितियों में असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।

5. अध्ययन के उद्देश्य से तथा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोई असाधारण अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।

6. यदि कोई व्यक्ति असाधारण अवकाश के लिए पूर्व स्वीकृति प्राप्त किए बिना अनुपस्थित रहता है अथवा ऐसे मामलों में जहां अनुपस्थिति उच्च अध्ययन/प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के कारण हैतो अनुपस्थिति की अवधि को मृत्यु अवधि माना जाएगा तथा किसी भी उद्देश्य के लिए इसकी गणना नहीं की जाएगी। 

7. ऐसे सभी मामलों में जहां असाधारण अवकाश अवधि एक माह से अधिक हैपरिवीक्षा अवधि को असाधारण अवकाश की संपूर्ण अवधि के लिए बढ़ा दिया जाएगा।

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राजस्थान सरकार 

वित्त विभाग (नियम प्रभाग)

 स्पष्टीकरण 

संख्या एफ.1(2)एफ.डी./नियम/2006-1                                             जयपुरदिनांक : 25.10.2019

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विषय:- परिवीक्षाधीन प्रशिक्षुओं द्वारा परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने तथा पद के वेतनमान/चालू वेतन बैंड में वेतन दिए जाने के संबंध में। दिनांक 22.05.200911.06.201407.08.2014 तथा 08.08.2019 के समसंख्यक वित्त विभाग ज्ञापन की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता हैजिसके अंतर्गत परिवीक्षाधीन प्रशिक्षुओं को असाधारण अवकाश दिए जाने के प्रावधान हैं। उपरोक्त ज्ञापनों के क्रियान्वयन हेतु कुछ स्पष्टीकरण/संदेह व्यक्त किए गए हैं। तदनुसारमामले पर राजस्थान सेवा नियमों के नियम 4ए के प्रावधानों के संदर्भ में विचार किया गया हैजिसके अंतर्गत यह उल्लेख किया गया है कि किसी अधिकारी का अवकाश का दावाअवकाश के लिए आवेदन करने तथा स्वीकृत किए जाने के समय लागू नियमों द्वारा विनियमित होगा। अतः यह स्पष्ट किया जाता है कि:-

1. दिनांक 11.06.2014 से पूर्व तीन माह से अधिक असाधारण अवकाश लेने वाले कर्मचारियों के सभी लंबित मामलों में परिवीक्षा अवधि को तीन माह से अधिक असाधारण अवकाश लेने की अवधि तक बढ़ाया जाएगा।

2. जो कर्मचारी दिनांक 11.06.2014 तथा उसके पश्चात भी तीन माह से अधिक असाधारण अवकाश लेते रहे हैंऐसे मामलों में भी परिवीक्षा अवधि को तीन माह से अधिक असाधारण अवकाश लेने की अवधि तक बढ़ाया जाएगा।

3. ऐसे सभी मामलों में जहां दिनांक 11.06.2014 को अथवा उसके पश्चात एक माह से अधिक असाधारण अवकाश लिया गया हैवहां दिनांक 07.08.2019 तक एक माह से अधिक असाधारण अवकाश लेने की अवधि तक परिवीक्षा अवधि बढ़ाई जाएगी।

4. जो कर्मचारी 08.08.2019 से पहले भी एक महीने से अधिक असाधारण छुट्टी का लाभ उठा रहे थेऐसे मामलों में भी परिवीक्षा की अवधि एक महीने से अधिक असाधारण छुट्टी का लाभ उठाने की अवधि तक बढ़ाई जानी है। 

5. ऐसे सभी मामलों में जहां 08.08.2019 को या उसके बाद एक महीने से अधिक की असाधारण छुट्टी का लाभ उठाया जाता हैपरिवीक्षा अवधि को असाधारण छुट्टी की पूरी अवधि के लिए बढ़ाया जाएगा।

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राजस्थान सरकार 

वित्त विभाग (नियम सं.वि.)

ज्ञापन

एफ.1(2)एफ.डी./नियम/2006 भाग-I                                                जयपुरदिनांक: 06.01.2020

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विषय: परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु द्वारा परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने तथा पद के वेतनमान/चालू वेतन बैंड में वेतन प्रदान करने के संबंध में।

वित्त विभाग के दिनांक 11.06.2014 के समसंख्यक ज्ञापन में आंशिक संशोधन करते हुएउक्त ज्ञापन के पैरा 2 और 3 में निहित विद्यमान प्रावधानों के स्थान पर परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु को असाधारण अवकाश प्रदान करने के लिए निम्नानुसार शक्तियां प्रत्यायोजित की जाती हैं :-

असाधारण अवकाश की अवधि                                    ईओएल प्रदान करने के लिए सक्षम प्राधिकारी

1 एक माह तक                                                                       नियुक्ति प्राधिकारी

2 असाधारण और अपरिहार्य परिस्थितियों में एक माह से अधिक         प्रशासनिक विभाग

परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु को असाधारण अवकाश प्रदान करने की शक्तियां निम्नलिखित दिशानिर्देशों के अनुपालन के अधीन होंगी :-

1. ऐसे सभी मामलों में असाधारण अवकाश की पूर्व स्वीकृति पूर्व-अपेक्षित होगी।

2. अध्ययन के उद्देश्य और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोई असाधारण अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।

3. उचित आधार पर नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा एक माह तक का असाधारण अवकाश प्रदान किया जाएगा। एक माह से अधिक का असाधारण अवकाश चिकित्सा संबंधी अत्यावश्यकता से संबंधित असाधारण और अपरिहार्य परिस्थितियों में प्रदान किया जाएगा। 

4. स्वयंपत्नी/पतिमातापिता एवं बच्चों की गंभीर बीमारी के कारण असाधारण अवकाश के लिए आवेदन किए जाने की स्थिति मेंप्राधिकृत चिकित्सा सहायक के प्रमाण-पत्र के आधार पर असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा।

5. बिना पूर्व स्वीकृति के असाधारण अवकाश पर जाने वालों को जानबूझकर अनुपस्थित माना जाएगा तथा उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

6. यदि कोई व्यक्ति असाधारण अवकाश के लिए पूर्व स्वीकृति प्राप्त किए बिना अनुपस्थित रहता है अथवा उच्च अध्ययन/प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के कारण अनुपस्थित रहता हैतो अनुपस्थिति की अवधि को मृत्यु अवधि माना जाएगा तथा किसी भी उद्देश्य के लिए इसकी गणना नहीं की जाएगी।

7. ऐसे सभी मामलों में जहां असाधारण अवकाश अवधि एक माह से अधिक हैपरिवीक्षा अवधि को असाधारण अवकाश की संपूर्ण अवधि के लिए बढ़ाया जाएगा।

 

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राजस्थान सरकार

 वित्त विभाग (नियम प्रबंधन) 

ज्ञापन

एफ.1(2)एफडी/नियम/2006-I                                                  जयपुरदिनांकः 28 जनवरी 2020

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विषय :- परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु द्वारा परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने तथा पद के वेतनमान/चालू वेतन बैंड में वेतन प्रदान करने के संबंध में।

परिवीक्षाधीन प्रशिक्षुओं द्वारा परिवीक्षा अवधि या परिवीक्षा अवधि के बाद के कार्य के संबंध में वेतन का पुराना मानक या अवैतनिक वेतनमान/चालू वेतनमान अवैतनिक पद का बैंड वित्त विभाग के समसंख्यक ज्ञापन दिनांक 06.01.2020 के अंत में निम्नलिखित नया पैरा जोड़ा जाएगा।

"वित्त विभाग का समसंख्यक ज्ञापन दिनांक 08.08.2019 प्रतिस्थापित माना जाएगा।

वित्त विभाग 06.07.2020 के ज्ञापन के प्रावधानों के कार्यान्वयन के लिए दिनांक 25.10.2019 का समसंख्यक स्पष्टीकरण लागू होगा।"

 

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राजस्थान सरकार 

वित्त विभाग (नियम प्रभाग) 

ज्ञापन 

संख्या एफ. 1(2)एफ.डी.नियम/2006-I                                            जयपुरदिनांक: 22 Feb 2021

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विषय:- परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षुओं द्वारा परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने तथा पद के वेतनमान/रनिंग पे बैंड-वेतन स्तर में वेतन प्रदान किए जाने के संबंध में। 

             वित्त विभाग के समसंख्यक ज्ञापन दिनांक 06.01.2020 एवं 28.01.2020 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता हैजिसके तहत परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु को असाधारण अवकाश प्रदान किए जाने की शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हैं तथा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार किसी परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु को अध्ययन एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोई असाधारण अवकाश स्वीकार्य नहीं है। यदि परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु की अनुपस्थिति उच्च अध्ययन अथवा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के उद्देश्य से हैतो अनुपस्थिति की अवधि को शून्य माना जाएगा तथा किसी भी कारण से इसकी गणना नहीं की जाएगीअर्थात परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु को परिवीक्षा की अवधि नए सिरे से पूरी करनी होगी। उपरोक्त प्रावधान से उस परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु को कठिनाई हुई हैजो परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु के रूप में सेवा में आने के समय उच्च अध्ययन का कोई कोर्स कर रहा था अथवा निकटवर्ती प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। तदनुसारमामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया गया है तथा उपरोक्त ज्ञापन में आंशिक संशोधन करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि परिवीक्षाधीन प्रशिक्षुजो परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु के रूप में सेवा में आने से पूर्व कोई कोर्स कर रहा था अथवा निकटवर्ती प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था तथा छुट्टी पर जाने से पूर्व असाधारण अवकाश के लिए आवेदन किया थाउसे किसी कोर्स की पढ़ाई जारी रखने अथवा निकटवर्ती प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने की अवधि के लिए असाधारण अवकाश दिया जा सकता है। परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु की अवधि अध्ययन के जारी पाठ्यक्रम को पूरा करने या निकटवर्ती प्रतियोगी परीक्षा के लिए स्वीकृत असाधारण अवकाश की अवधि तक बढ़ाई जाएगी। जो लोग बिना पूर्व मंजूरी के असाधारण अवकाश पर चले गए हैंउन्हें जानबूझकर अनुपस्थित माना जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी माना जाएगा। इस ज्ञापन के जारी होने से पहले परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु को सेवा में शामिल होने से पहले अध्ययन के किसी भी पाठ्यक्रम को पूरा करने या निकटवर्ती प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने से संबंधित असाधारण अवकाश के लंबित मामलों पर भी नियुक्ति प्राधिकारी और प्रशासनिक विभाग द्वारा इस आदेश के अनुसार निर्णय लिया जा सकता है।

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राजस्थान सरकार 

वित्त विभाग (नियम प्रभाग)

अधिसूचना

सं. एफ. 1एस(1)एफडी/नियम/2017 भाग-II अधिसूचना जयपुर,                      दिनांक: 26 जुलाई 2023 

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भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुएराजस्थान के राज्यपालराजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2017 में और संशोधन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाते हैंअर्थात्:-

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ - (1) इन नियमों को राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) (चौथा संशोधन) नियम, 2023 कहा जा सकेगा ।

(2) ये नियम 01.04.2023 से प्रभावी होंगे

2. नियम 8 का संशोधन.- नियम 8 के उप-नियम (1) के विद्यमान परन्तुक और उसमें की गई प्रविष्टियों के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किए जाएंगेअर्थात्:-

"इसके अतिरिक्त यह भी प्रावधान है कि ऐसे मामलों में जहां किसी सरकारी कर्मचारी को पदोन्नति या उन्नयन या एसीपी के कारण 1 जनवरी, 2016 और इन नियमों में दिनांक 09.12.2017 की अधिसूचना द्वारा किए गए संशोधन के बीच उच्च ग्रेड वेतन में रखा गया हैतो सरकारी कर्मचारी ऐसी पदोन्नति या उन्नयन या एसीपी की तिथि से संशोधित वेतन संरचना में जाने का विकल्प चुन सकता है ।"

3. नियम 13 में संशोधन.- विद्यमान नियम 13 और उसकी प्रविष्टियों के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगाअर्थात्:-

"(1) जिन सरकारी कर्मचारियों ने 31 मार्च 2023 को या उससे पहले ही परिवीक्षा अवधि पूरी कर ली है और इन नियमों के तहत पद के वेतन मैट्रिक्स में वेतन स्तर पर वेतन प्राप्त कर रहे हैंउनकी वार्षिक वेतन वृद्धि तिथि 1 जुलाई है जो अपरिवर्तित रहेगी ।

(2) 01.04.2023 को या उसके बाद 30 जून से 30 दिसम्बर (दोनों दिन सम्मिलित) के बीच की अवधि के दौरान परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूरी करने और इन नियमों के नियम 17 के अनुसार पद के वेतन स्तर में न्यूनतम वेतन (प्रथम प्रकोष्ठ) स्वीकृत करने पर प्रत्येक नवनियुक्त कार्मिक को पहली वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जनवरी को दी जाएगीजो परिवीक्षा अवधि के सफलतापूर्वक पूरा होने की तिथि के तुरंत बाद होगी और इसी प्रकार, 01.04.2023 को या उसके बाद 31 दिसम्बर से 29 जून (दोनों दिन सम्मिलित) के बीच की अवधि के दौरान परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूरी करने और इन नियमों के नियम 17 के अनुसार पद के वेतन स्तर में न्यूनतम वेतन (प्रथम प्रकोष्ठ) स्वीकृत करने पर प्रत्येक नवनियुक्त को पहली वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जुलाई को दी जाएगीजो परिवीक्षा अवधि के सफलतापूर्वक पूरा होने की तिथि के तुरंत बाद होगी । अगली वार्षिक वेतन वृद्धि केवल एक वर्ष पूरा होने के बाद ही दी जाएगी।"

4. नियम 14 का संशोधन - नियम 14 के विद्यमान उप-नियम (2) तथा उसमें की प्रविष्टियों के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किए जाएंगेअर्थात्:-

"सामान्य पदोन्नति के समय उपलब्ध वेतन निर्धारण का लाभ योजना के अंतर्गत वित्तीय उन्नयन के समय दिया जाएगा।"

5. नियम 15 का संशोधन - नियम 15 के विद्यमान उप-नियम (2) तथा उसमें की प्रविष्टियों के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किए जाएंगेअर्थात्:-

"सामान्य पदोन्नति के समय उपलब्ध वेतन निर्धारण का लाभ योजना के अंतर्गत वित्तीय उन्नयन के समय दिया जाएगा।"

6. नियम 20 का संशोधन - विद्यमान नियम 20 तथा उसमें की प्रविष्टियों के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किए जाएंगेअर्थात्:-

"20. 1 जनवरी, 2016 को या उसके बाद पदोन्नति पर वेतन का निर्धारण - संशोधित वेतन संरचना में एक स्तर से दूसरे स्तर पर पदोन्नति के मामले में वेतन का निर्धारण निम्नलिखित तरीके से किया जाएगाअर्थात:-

(i) जिस वेतन स्तर से कर्मचारी को पदोन्नत किया जाता हैउसमें एक वेतन वृद्धि दी जाएगी। इस प्रकार प्राप्त आंकड़े को पदोन्नति पद के वेतन स्तर में अगले उच्चतर सेल में रखा जाएगा ।

उदाहरण 1

1. संशोधित वेतन संरचना में Level : L-5Grade.pay24002800
2. संशोधित वेतन संरचना में मूल वेतन :27100LevelL-5L-8
3. पदोन्नति में दी गई Level :L-8
2630026300
4. Level-8 में एक वेतन वृद्धि दिए जाने के बाद वेतन :27900
2710027100
5. पदोन्नति स्तर यानी L-8  में वेतन :
28700
2790027900
(L-8  में उस समान सेल का अगला उच्च सेल)
Cell2870028700



2960029600



3050030500



3140031400

उदाहरण 2

संशोधित वेतन संरचना में Level:

L-11

Grade pay

4200

4800

संशोधित वेतन संरचना में मूल वेतन:

50800

Level

L - 11

L - 12

3.पदोन्नति में दी गई Level

L-12

सेल

49300

48400

4. Level-11 में एक वेतन वृद्धि दिए जाने के बाद वेतन:

52300

50800

49900

52300

51400

5. पदोन्नति स्तर यानी L-11 में वेतन :

(L-11 में उस समान सेल का अगला उच्च सेल)

52900

53900

52900

55500

54500

57200

56100

58900

57800

(ii) गैर-अभ्यास भत्ता प्राप्त करने वाले सरकारी कर्मचारियों के मामले मेंउनका मूल वेतन और गैर-अभ्यास भत्ता 2,18,600/- रुपये से अधिक नहीं होगा।

(ii) गैर-प्रैक्टिसिंग भत्ता प्राप्त करने वाले सरकारी कर्मचारियों के मामले मेंउनका मूल वेतन और गैर-प्रैक्टिसिंग भत्ता 2,18,600/- रुपये से अधिक नहीं होगा। "

7. विद्यमान नियम 23 के पश्चात् निम्नलिखित नवीन नियम 23ए जोड़ा जाएगाअर्थात्:-

"23इन नियमों में किसी बात के होते हुए भीकिसी सरकारी कर्मचारी को प्रतिस्थापित नियम 20 के अनुसार पदोन्नति/एसीपी पर पुनर्निर्धारण के कारण 01 जनवरी, 2016 से 31 मार्च, 2023 (दोनों दिन सम्मिलित) तक किसी भी कारण से वेतन एवं भत्ते का कोई बकाया नहीं मिलेगा।


एक महिला कार्मिक का प्रोबेशन अक्टूबर माह में पूर्ण होना है । यदि कार्मिक सितंबर माह में मातृत्व अवकाश पर चली जाती है तो स्थायीकरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? फिक्सेशन अगर पुनः जॉइन करने पर होता है तो क्या पीछे का एरियर  मिलेगा ?

रा.सि.सेवा नियम खण्ड-1 के नियम 97 के तहत अवकाश अवधि में, अवकाश वेतन देय होगा। अवकाश वेतन, वह वेतन होता है जो कि कार्मिक, अवकाश पर प्रस्थान से पूर्व प्राप्त कर रहा था। इसलिए अवकाश अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की मूल वेतन में वृद्धि नहीं होगी। अत: उक्त प्रकरण में स्थाईकरण नियत समय पर होगा। परन्तु इसका आर्थिक लाभ प्रसूति अवकाश से पुनःजॉइन करने की तिथि से मिलेगा।

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