GSSS BINCHAWA

GSSS BINCHAWA

GSSS KATHOUTI

GSSS KATHOUTI

GSSS BUROD

State Insurance

                                             राजस्थान सरकारी कर्मचारी बीमा नियम, 1998
  • नियम 8 (1) के अनुसार राजस्थान सेवा नियमों के अधीन स्थायी या अस्थायी रूप से नियुक्त प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन का बीमा करायेगा।
  • नियम 8 (2) के अनुसार बीमा उस वित्तीय वर्ष के, जिसमें उक्त व्यक्ति नियुक्त हुआ है, मार्च मास से किया जायेगा।
  • राज्य बीमा योजना में प्रथम व अधिक कटौती सदैव माह मार्च देय अप्रैल के वेतन से ही होती हैं अतः प्रथम अप्रैल को बीमा कटौती की जोखिम वहन तिथि कहलाती हैं।
  • नियम 8(3) के अनुसार बीमा इस शर्त के अध्यधीन किया जायेगा कि कर्मचारी क्षय रोग, अस्थमा, कैंसर, मधुमेह,एड्स या सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किसी भी अन्य गम्भीर रोग से ग्रसित न हो। वह इस आशय की घोषणा अपने प्रथम घोषणा पत्र में करेगा।
  • नियम-11 के उप नियम (1)(i) के अनुसार बीमा योजना के तहत बीमित व्यक्ति द्वारा देय मासिक प्रीमियम समय-समय पर सरकारी आदेश द्वारा संशोधित दर से वसूला जायेगी
  • नियम-11 के उप नियम (1)(ii) के अनुसार जब भी, वेतन स्लैब में बदलाव के परिणामस्वरूप, बीमाधारक द्वारा पहले से ही देय प्रीमियम उसके द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम से कम  रह जाता है तो वृद्धिशील प्रीमियम उसी वित्तीय वर्ष के मार्च माह से उसके वेतन से की जावेगी।
  • नियम-11 के उप नियम (2) के अनुसार एक बीमित व्यक्ति अपने विकल्प पर, नियम 11 के उप नियम 1 (i) के तहत उस पर लागू प्रीमियम दर के ऊपर अगले दो स्लैब  में से किसी एक का प्रीमियम योगदान कर सकता है
  • नियम-11 के उप नियम (3) के अनुसार बीमाकृत व्यक्ति के 55 वर्ष की आयु पूरी कर लेने के पश्चात्  नियम-11(1) और (2) के अधीन कोई अतिरिक्त कटौती नहीं की जायेगी।
  • नियम-11 के उप नियम (4) के अनुसार नियम-11 (i)(ii) में यथा-विनिर्दिष्ट वृद्धिशील प्रीमियमों पर और नियम 11(2) में यथा विनिर्दिष्ट दर पर अतिरिक्त प्रीमियम के संदाय पर अतिरिक्त जौखिम बीमा स्वास्थ्य परीक्षा के बिना किया जायेगा। नियम-11 (2) के अधीन प्रत्येक अतिरिक्त बीमा प्रारूप सं.1 में यह अतिरिक्त घोषणा करने के अध्यधीन होगा कि पाॅलिसी धारक नियम 8(3) में उल्लेखित किन्हीं भी रोगों से ग्रसित नहीं था।
  • नियम-17 के अनुसार प्रथम प्रीमियम की कटौति और पूरे भरे गये प्रारूप 1 प्राप्त होने के 60 दिन के भीतर-भीतर निदेशक विहित प्रारूप में अपने हस्ताक्षर करके एक पाॅलिसी जारी करेगा।
  • नियम-26 के अनुसार जब कोई बीमाकृत व्यक्ति, बिना वेतन के छुट्टी के सिवाय छुट्टी पर रहता है, तो प्रीमियम तब वसूल किया जायेगा जब वेतन का आहरण किया जाये। इस कालावधि के दौरान् पाॅलिसी अस्तित्व में रहेगी।
  • नियम-28 के अनुसार जब किसी बीमाकृत व्यक्ति को किसी भी कालावधि की बिना वेतन की छुट्टी मंजूर की जाये तो इस अवधि के दौरान ऐसे बीमाकृत व्यक्ति द्वारा संदत्त नहीं किया गया प्रीमियम 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर पर साधारण ब्याज सहित पाॅलिसी पर ऋण होगा और यदि अन्यथा संदत्त नहीं किये जाये तो उसके भावी वेतन में से वसूलीय होगा। इस अवधि के दौरान् पाॅलिसी अस्तित्व में रही समझी जायेगी।
  • नियम-31 के अनुसार बीमाधारक किसी ऐसे व्यक्ति या व्यक्तियों  को नामांकित करने का हकदार होगा जिसे उसके जीवन पर दिए गए सभी बीमा अनुबंधों के तहत बीमा राशि का भुगतान उसकी मृत्यु की स्थिति में किया जाना चाहिए। ऐसा नामांकन फॉर्म नंबर 2 में दिए गए एक निर्धारित फॉर्म में होगा और बीमाधारक द्वारा अपने वरिष्ठ आधिकारी की उपस्थिति में हस्ताक्षरित किया जाएगा और निदेशक को भेजा जाएगा जो पुस्तकों में नामांकन दर्ज करेगा और रसीद की लिखित पावती भेजेगा। परन्तु  बीमाधारक के विवाह से पहले किसी व्यक्ति के पक्ष में किया गया नामांकन और उसके बाद रद्द नहीं किया गया हो, उसकी शादी के बाद उसकी पत्नी/पति के पक्ष में स्वतः रूप से रद्द माना जाएगा।
  • नियम-32 के अनुसार निम्न व्यक्तियों में से नामनिर्देशिती नियुक्त किया जा सकता है:- 
    (1) अपने पति/पत्नी,संतान/संतोनों,  भ्राता  (भ्राताओं ), बहिन (बहिनों), पिता या माता या सोतेली-माता,पिता,भ्राता, बहिन या संतान 
    (2) यदि नाम निर्देशन करते समय उपर(1) में उल्लेखित कोई भी संबंधी जीवित नहीं है तो किसी भी अन्य व्यक्ति का नाम निर्देशन अकृत और शून्य समझा जावेगा। तथापि, यदि पति/पत्नी के सवाय ऐसा कोई भी सबंध नाम निर्देशन फाईल करने के पश्चात्  अर्जित किया गया है तो नाम निर्देशन अविधिमान्य नहीं होगा।
  • नियम-33 के अनुसार एक बार नाम निर्देशन फाईल करने के उपरान्त बीमाकृत व्यक्ति उसे, प्रथम बार फाईल किये गये नाम निर्देशन का प्रतिस्थापन करते हुए दूसरा नाम निर्देशन फाईल करने के सिवाय, रद्द करने का हकदार नहीं होगा। बीमाकृत व्यक्ति को नाम निर्देशनों में परिर्वतान करते समय नियम-32 में अधिकथित शर्त का पालना करना होगा।
  • नियम-39 (2)(i) के अनुसार बीमाकृत व्यक्ति को उसकी सेवानिवृति के ठीक पश्चात् आने वाले 31 मार्च तक बीमे को जारी रखने की अपनी इच्छा व्यक्त करने का विकल्प होगा। ऐसी स्थिति में बीमाकृत राशि, विस्तारित अवधि के बोनस सहित, उसकी सेवानिवृति के ठीक पश्चात् आने वाले प्रथम अप्रैल को संदेय होगी।
  • नियम-44 (1) के अनुसार बीमाकृत व्यक्ति, प्रारूप जी.ए. 203 में आवेदन प्रस्तुत करने पर, उसके द्वारा कराये गये बीमों की प्रत्याभूति पर, ऐसे बीमों के कुल अध्यर्पण (surrender) मूल्य के 90 प्रतिशत की सीमा तक ऋण प्राप्त करने का अधिकार होगा। 
  • नियम-44(2) के अनुसार ऋण, 60 समान मासिक किस्तों में या ऐसी कम अवधि में, जिसका बीमाकृत व्यक्ति द्वारा अनुरोध किया जाये, प्रतिसंदत्त किया जायेगा, ये किस्तें ऋण मंजूर किये जाने के पश्चात् प्रथम वेतन के आहरण से प्रारम्भ होगी। 
  • नियम-44(3) के अनुसार 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर पर साधारण ब्याज प्रभावित किया जावेगा जो ऋण की मूल रकम के पूर्ण प्रतिसंदाय के पश्चात् सवितरक अधिकारी द्वारा दस समान किस्तों में वूसल किया जायेगा। यदि ब्याज पूर्णतः या अंशतः इस प्रकार वसूल नहीं किया जाता है तो वसूल नहीं किया गया ब्याज, उसके बकाया रहने की अवधि के लिए 12 प्रतिशत साधारण ब्याज सहित दावे की रकम से या अगले ऋण की रकम से वसूल किया जायेगा।
  • नियम-44(5) के अनुसार पाॅलिसी पर अगला ऋण तब तक मंजूर नहीं किया जावेगा, जब तक कि पिछले ऋण की मंजूरी और आवेदित ऋण के बीच दोे वर्ष की अवधि व्यतीत न हो गयी हो और ब्याज सहित ऋण पूर्णतः संदत्त न कर दिया गया हो
  • नियम-47 के अनुसार यदि इस बात का समाधान हो जाये कि पाॅलिसी धारक व्यक्ति ने पाॅलिसी खो दी है और उसने उसे खोजने के हर सम्भव प्रयत्न कर लिये हैं या वह नष्ट या विकृत हो गयी है या, यथास्थिति कट-फट गयी है तो उसके बदले में दूसरी पाॅलिसी जारी करेगा, बशर्ते कि पाॅलिसीधारकः-
    (क) क्षतिपूर्ति पत्र के साथ एक आवेदन निदेशक को प्रस्तुत करें, जिसमें यह लिखें कि उनको जारी की गयी पाॅलिसी खो गयी है या नष्ट हो गयी है।
    (ख) उसको जारी विकृत या कटी-फटी पाॅलिसी को निदेशक को लौटा दें।
    (ग) (क) की दशा में 100/- और (ख) कि दशा में 50/- की राशि बीमा विभाग को भेजे। यदि दूसरी पाॅलिसी जारी किये जाने के पश्चात् धारक व्यक्ति की मूल पाॅलिसी मिल जाये तो उसे विभाग को भिजवाया जायेगा।
  • नियम-51 के अनुसार बीमा पाॅलिसी धारक सेवा में बना रहते हुए बीमा परिपक्वता तिथि से पूर्व आकस्मिक या सामान्य मृत्यु होने पर राज्य सरकार द्वारा बीमाधन की दुगुनी राशि  बोनस सहित भुगतान किया जाता है। चाहे कार्मिक की मृत्यु प्रथम माह का प्रिमियम अदा करने के बाद हो गई हो ।
  • वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक F12(6) FD (रूल्स)/05 दिनांक 13.03.2006 के द्वारा राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतनमान) 2006 में दिनांक  20.01.2004 को या उसके पश्चात प्रशिक्षणार्थियों के स्थिर वेतन में से राज्य बीमा कटौती नहीं की जाने का प्रावधान है 

मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय अप्रैल 1998

क्र.सं.

 वेतन

प्रीमियम

अधिकतम प्रीमियम

1

2550 से 3700 तक

150

300

2

3701 से 5000 तक

200

450

3

5001 से 8000 तक

300

600

4

8001 से 12000 तक

450

800

5

12000 से अधिक

600

800

6

अधिकतम

800

800

 

मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय अप्रैल 1999

क्र.सं.

 वेतन

प्रीमियम

अधिकतम प्रीमियम

1

2550 से 3700 तक

150

400

2

3701 से 5000 तक

200

600

3

5001 से 8000 तक

400 

1000

4

8001 से 12000 तक

600 

1300

5

12000 से अधिक

1000

1300

6

अधिकतम

1300

1300


मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय अप्रैल 2009

क्र.सं.

 वेतन

प्रीमियम

अधिकतम प्रीमियम

1

6050 से 8500 तक

180

480

2

8501 से 11000 तक

240

720

3

11001 से 18000 तक

480

1200

4

18001 से 28000 तक

720

1500

5

28000 से अधिक

1200

1500

6

अधिकतम

1500

1500


मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय अप्रैल 2010

क्र.सं.

 वेतन

प्रीमियम

अधिकतम प्रीमियम

1

6050 से 8500 तक

330

900

2

8501 से 11000 तक

450

1300

3

11001 से 18000 तक

900

2200

4

18001 से 28000 तक

1300

2500

5

28000 से अधिक

2200

2500

6

अधिकतम

2500

2500

 

मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय अप्रैल 2015

क्र.सं.

 वेतन

प्रीमियम

अधिकतम प्रीमियम

1

6050 से 8500 तक

400

1100

2

8501 से 11000 तक

550

1550

3

11001 से 18000 तक

1100

2650

4

18001 से 28000 तक

1550

3000

5

28000 से अधिक

2650

3000

6

अधिकतम

3000

3000

 

मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय अप्रैल 2018

क्र.सं.

 वेतन

प्रीमियम

अधिकतम प्रीमियम

1

22000 तक

500

1300

2

22001 से 28500

700

1800

3

28501 से 46500

1300

3000

4

46501 से 72000

1800

4000

5

72001 से अधिक

3000

4000

6

अधिकतम

4000

4000

 

मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय अप्रैल 2020

क्र.सं.

 वेतन

प्रीमियम

अधिकतम प्रीमियम

1

22000 तक

800

2200

2

22001 से 28500

1200

3000

3

28501 से 46500

2200

5000

4

46501 से 72000

3000

7000

5

72001 से अधिक

5000

7000

6

अधिकतम

7000

7000




SI Loan Interest Rates

                          Year                  Rate of Interest    
UP TO 18-Sep-19856.0%
19-Sep-8510.0%
1-Apr-9812.0%
1-Apr-029.5%
10-May-048.5%
17-Apr-207.50%
फार्म नम्बर 2 
(देखिये नियम-31 तथा 34) 
नामनिर्देशन का प्रारूप

 मै ......................................................पुत्र/पुत्री/श्री ............................................जो राज्यबीमा, विभाग, राजस्थान पाॅलिसी संख्या ................................................ के अधीन बीमाकृत व्यक्ति हूॅं, इसके द्वाराः-  
(1) पूर्व में मैरे द्वारा मेरे/मेरी ..........................................................................(नाम निर्दशिती से संबंध) श्री/श्रीमती  ..................................................आयु ................वर्ष के पक्ष में किया गया  नाम निर्देशन रद्द करता/करती हूॅ। 
(2) मेरे/मेरी .............................................................. (नाम निर्देशिती से संबंध)  श्री/श्रीमती.............................................. आयु................ वर्ष को अपना नाम निर्देशिती करता/करती हूॅ।
(3) श्री/श्रीमती ................................... जो..............................................(नाम निर्देशिती से संबंध)  का नाम निर्देशिती के व्यस्क होने तक उसकाा अभिभावक नियुक्त करता/करती हूॅ। 


               मेरे समक्ष हस्ताक्षरित                                              बीमाकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर             
(उच्चाधिकारी के हस्ताक्षर तथा  उसके पदनाम की मुहर)                       दिनांक........................ 
                                                                                                स्थानः-........................ 





DA RATE

SIXTH PAY COMMISSION DA RATE                                                                            

S.N. w.e.f.DA Rate Order Rate Download
1 जनवरी 2007 6% 12.09.2008 Order
2जुलाई  2007 9% 12.09.2007 Order
3 जनवरी 2008 12% 12.09.2008 Order
4 जुलाई 2008 16% 12.09.2008 Order
5 जनवरी 2009 22% 27.02.2009 Order
6 जुलाई  2009 27% 11.09.2009 Order 
7 जनवरी 2010 35% 20.03.2010 Order
8 जुलाई  2010 45% 29.09.2010 Order
9 जनवरी 2011 51% 23.03.2011 Order
10जुलाई  2011 58% 15.09.2011 Order
11 जनवरी 2012 65% 25.03.2012 Order 
12 जुलाई  2012 72% 27.09.2012 Order 
13 जनवरी 2013 80% 19.04.2013 Order
14 जुलाई  2013 90%  21.09.2013 Order
15 जनवरी 2014 100% 01.03.2014 Order
16 जुलाई  2014 107% 08.09.2014 Order 
17जनवरी 2015 113% 13.04.2015 Order
18 जुलाई  2015 119% 16.09.2015 Order 
19 जनवरी 2016 125% 13.04.2016 Order
20 जुलाई  2016 132% 17.11.2016 Order
21 जनवरी 2017 136% 13.04.2017 Order
22 जुलाई 2017 139% 04.10.2017 Order
23 जनवरी 2018 142% 11.05.2018 Order
24 जुलाई 2018 148% 05.10.2018 Order
25 जनवरी 2019 154% 27.05.2019 Order

SEVENTH PAY COMMISSION  DA RATE        
S.N DA from               DA RateOrder DateDownload
1 जनवरी 2017 4% 09.12.2017 Order 
2 जुलाई 2017 5% 09.12.2017 Order 
3 जनवरी 2018 7% 23.03.2018 Order 
4 जुलाई 2018 9%  10.09.2018 Order
5 जनवरी 201912%22.02.2019Order
6जुलाई 2019 17%27/03/2020Order 
7जनवरी 2020  17%   -  -
8जुलाई 2020  17%   - -
9जनवरी 2021 28%15/07/2021Order
10जुलाई 202131%25/10/2021Order
11जनवरी 2022 34%  30/03/2022Order
12जुलाई 202238%28/09/2022Order
13जनवरी 202342%23/03/2023Order
14जुलाई  2023 46%31/10/2023Order
15जनवरी 202450%
14/03/2024Order
16जुलाई  202453%24/10/2024Order
17जनवरी 202555%01/04/2025Order
18
19
20
21
22
23
24
Please
Blog पढ़ने के बाद टिप्पणी अवश्य करें।
आपके सुझाव आमंत्रित है।
आदेश देखने के लिए "Order" पर Click करें।







बोनस


राज्य सरकार के कर्मचारियों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष (01 अप्रैल  से 31 मार्च ) के लिए निम्नलिखित नियम और शर्तों पर 30 दिनों की परिलब्धियों के बराबर तदर्थ बोनस दिया जायेगा
  1. सरकारी कर्मचारी जो 31 मार्च  को सेवा में थे तथा 1 अप्रैल  को निरंतर सेवा में चल रहे थे और राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2017 के तहत वेतन मैट्रिक्स में पे लेवल L-12 या उससे कम या राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 में ग्रेड पे रु 4800 या उससे कम वेतनमान आराहित कर रहे हैं (राज्य सेवाओं के अधिकारियों को छोड़कर) तदर्थ बोनस के हकदार हैं।
  2. तदर्थ बोनस के लिए सरकारी कर्मचारी को वित्तीय वर्ष के दौरान कम से कम छह महीने की निरंतर सेवा होना अनिवार्य है जिन कर्मचारियों ने वित्तीय वर्ष में लगातार बारह महीने निरंतर सेवा प्रदान की है उनको 30 दिनों की परिलब्धियों के बराबर बोनस स्वीकार्य होगा प्रो-राटा (आनुपातिक बोनस ) भुगतान के लिए छह महीने से बारह महीने तक सेवा स्वीकार्य होगी पात्रता सेवा अवधि की गणना के लिए महीनों संख्या या सेवा को निकटतम महीनों की संख्या में rounded किया जायेगा हालांकि, छ: महीने से कम की सेवा के लिए यह अनुमति नहीं है।
  3. पात्र कर्मचारियों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए देय तदर्थ बोनस की राशि की गणना 31 मार्च  के आधार पर की जाएगी (31दिन) बोनस केवल 30 दिन का ही दिया जायेगा और गणना के उद्देश्य के लिए तदर्थ बोनस की अधिकतम राशि को Rs.7000 / - प्रति माह से प्रतिबंधित किया जाएगा  । (अधिकतम 7000/-)
  4. परिलब्धियाँ' शब्द में मूल वेतन, व्यक्तिगत वेतन, प्रतिनियुक्ति भत्ता और महंगाई भत्ता शामिल होगा, लेकिन घर का किराया भत्ता, प्रतिपूरक(शहर) भत्ता आदि जैसे अन्य भत्ते शामिल नहीं होगें
  5. देय तदर्थ बोनस की राशि की गणना 31 दिनों का महीना मानकर की जाएगी 
  6. देय तदर्थ बोनस की राशि को निकटतम रुपया में रूपान्तरित किया जाएगा (बोनस की राशि में 50 पैसे या अधिक को रूपये में रूपांतरित किया जायेगा 50 पैसे से कम को छोड़ दिया जायेगा)
  7. 1-1 2004 से पहले सिविल सेवा में भर्ती होने वाले कर्मचारियों को तदर्थ बोनस का 75% नकद भुगतान किया जाएगा और 25% सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा किया जाएगा 
  8. 1-1-2004 को या उसके बाद सिविल सेवा में भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए और जिन पर अंशदायी पेंशन योजना लागू है को तदर्थ बोनस का 75% नकद भुगतान किया जाएगा और तदर्थ बोनस का 25% जीपीएफ-2004 योजना में जमा किया जायेगा 
  9. असाधारण अवकाश (वेतन के बिना छुट्टी) की अवधि को छोड़कर अन्य प्रकार की छुट्टी बोनस की पात्रता अवधि में शामिल की जाएगी असाधारण अवकाश (बिना वेतन के अवकाश) की अवधि को बोनस की पात्रता अवधि से बाहर रखा जाएगा , लेकिन सेवा में व्यवधान के रूप में नहीं गिना जाएगा। 
  10. वे कर्मचारी जो 31 मार्च को या पहले अधोवार्षिकी आयु पूर्ण करने पर सेवानिवृत्त या चिकित्सा के आधार पर अमान्य होने पर सेवानिवृत्त या स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हो गए है या मर गए है तदर्थ बोनस के लिए पात्र नहीं होगें 
  11. 31 मार्च को या उससे पहले सेवा से इस्तीफा देने वाले कर्मचारी इन आदेशों के तहत तदर्थ बोनस के लिए पात्र नहीं होंगे
  12. अंशकालिक / आकस्मिक या दैनिक वेतन या अनुबंध का आधार पर लगे हुए कर्मचारी तदर्थ बोनस के लिए पात्र नहीं होगा ।
  13. परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु के रूप में नियुक्त कर्मचारी तदर्थ बोनस के लिए पात्र नहीं होंगे 
  14. ऐसे मामलों में जहां कार्यालय अध्यक्ष को मालूम होता है कि कोई कार्मिक वेतन उन्नयन के कारण राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन ) नियम, 2017 के तहत पे मैट्रिक्स L-13 या राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के तहत ग्रेड पे 5400 / - रुपये स्वीकृत होने के कारण या राज्य सेवाओं में पदोन्नति के कारण 31 मार्च को तदर्थ बोनस के लिए अपात्र हो जाएगा तो उन्हें केवल आनुपातिक तदर्थ बोनस देने की अनुमति दी जानी चाहिए !बशर्ते पात्रता अवधि 6 माह या उससे अधिक हो ।
  15. वित्त विभाग द्वारा दिनांक 18.11.2019 को जारी आदेशानुसार प्रोबेशनर ट्रेनी जो पूर्व में नियमित राजकीय सेवा में नियुक्त थे और पूर्व पद का वेतन आहरित कर रहें है  । वे तदर्थ बोनस के लिए पात्र नहीं होंगे  आदेश
  16. दिनांक 01 अप्रैल को या इसके  बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी तदर्थ बोनस के हकदार हैं। इन कर्मचारियों को 50% तदर्थ बोनस का भुगतान नकद में किया जाएगा और 50% तदर्थ बोनस को GPF खाते में जमा किया जाएगा। 
  17. दिनांक 01 अप्रैल के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी जिनकी मृत्यु हो गयी है, वित्तीय वर्ष  के लिए तदर्थ बोनस के हकदार हैं। इन्हे तदर्थ बोनस का भुगतान नकद में किया जाएगा।
  1. क्या 31 मार्च को सेवानिवृत होने वाले कार्मिकों को बोनस देय होगा?
    31 मार्च को सेवानिवृत होने वाले कार्मिक को बोनस देय नहीं होगा क्योंकि बोनस के लिए कार्मिक का 01 अप्रैल को सेवा में होना आवश्यक है  अतः 01 अप्रैल से 31 मार्च के मध्य सेवानिवृत होने वाले कार्मिको को बोनस देय नही होगा।
  2. 01 अक्टूबर को स्थाईकरण वाले कार्मिकों को कितना बोनस देय होगा?
    01 अक्टूबर  को स्थाईकरण होने वाले कार्मिको की 31 मार्च तक 6 महीने की स्थाई सेवा पूर्ण हो जाती है अतः इनको 6 महीने का अनुपातिक बोनस देय होगा। जिन कार्मिकों का स्थाईकरण 01 अक्टूबर के बाद होता है तो उसे बोनस देय नहीं होगा क्योंकि उनकी स्थायी सेवा  6 माह नहीं होती है 
  3. क्या 30 सितम्बर को या इससे पहले ACP से पे लेवल L-13 स्वीकृत होने वाले कार्मिकों को  बोनस देय होगा?
    जिन कार्मिकों को 30 सितम्बर को या इससे पहले ACP से पे लेवल L-13 स्वीकृत होता है तो उनकी बोनस योग्य सेवा (पे लेवल L-12 में) 6 माह पूर्ण नहीं होती है इसलिए इनको उस वित्तीय वर्ष का बोनस देय नही होगा। परन्तु जिन कार्मिकों को 01 अक्टूबर से 31 मार्च के मध्य ACP से पे लेवल L-13 स्वीकृत होता है तो उन्हें अनुपातिक बोनस देय होगा 
  4. एक स्थाई कार्मिक अभी नए पद पर प्रोबेशन काल में है एवम विद्यमान वेतन का ऑप्शन दे कर पे लेवल 10 का वेतन आहरित कर रहा है क्या इनको बोनस देय होगा ?
    FD के आदेश दिनांक 18/11/19 के अनुसार प्रोबेशन काल में किसी भी कार्मिक को  बोनस देय नहीं होगा अतः प्रोबेशन काल में पूर्व पद का विद्यमान वेतन आहरित करने वाले स्थाई कार्मिक को भी बोनस का भुगतान देय नही होगा ।
  5. एक कार्मिक एक वित्तीय वर्ष  में 3 महीने अवैतनिक अवकाश पर रहा है तो उसे कितना बोनस देय होगा।
    3 महीने अवैतनिक अवकाश है अतः इनको 9 महीने का अनुपातिक बोनस देय होगा। अवैतनिक अवकाश अलावा अन्य किसी भी प्रकार के सवैतनिक अवकाश में पूर्ण अवधि का बोनस मिलेगा

           बोनस का कार्यालय आदेश डाउनलोड करने के लिए  CLICK करें 




Rule : 103C Child Care Leave [ CCL]


राजस्थान सेवा (चौथा संशोधन) नियम 2018
Rule : 103C Child Care Leave [ CCL]
  • नियम 103C(1) - एक महिला सरकारी कर्मचारी या एक एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी (अविवाहित या विधुर या तलाकशुदा) को उनके प्रथम दो जीवित बच्चों (18 वर्ष से कम आयु या न्यूनतम 40% विकलांगता की स्थिति में 22 वर्ष) के पालन पोषण, परीक्षा या बिमारी की स्थिति मे देखभाल करने के लिए सम्पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम 2 वर्ष अर्थात 730 दिन का Child Care Leave सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है
  • नियम103C(2)- Child Care Leave की स्वीकृति निम्नलिखित शर्तों के अध्याधीन होगी-
    (i) एक महिला कर्मचारी या एक एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी प्रथम 365 दिनों के लिए छुट्टी के तुरंत पहले आहरित वेतन के 100 % प्रतिशत के बराबर अवकाश वेतन तथा अगले 365 दिनों के लिए छुट्टी के तुरंत पहले आहरित वेतन के 80% के बराबर अवकाश वेतन की हक़दार होगा
    (ii) Child Care Leave को किसी भी अन्य अवकाश के साथ लिया जा सकता है
    (iii) सामान्यतः Child Care Leave के लिए आवेदन, राज्य सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट फॉर्म में, मंजूरी के लिए समय पर छुट्टी मंजूर करने वाले प्राधिकारी को जमा करना होगा।
    (iv) Child Care Leave का दावा अधिकार के रूप में नहीं किया जा सकता है। किसी भी स्थिति में कोई भी महिला सरकारी कर्मचारी या एक एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी छुट्टी स्वीकृत करने वाले प्राधिकारी के पूर्वानुमोदन के बिना Child Care Leave को आगे नहीं बढ़ा सकता है।
    (v) किसी महिला सरकारी कर्मचारी या एक एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी को, जो ड्यूटी से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहता है और उसके बाद Child Care Leave लिए आवेदन करता है तो किसी भी परिस्थिति में Child Care Leave स्वीकृत नहीं की जाएगी।
    (vi) किसी महिला सरकारी कर्मचारी या एक एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी द्वारा पहले से ली गई या ली जा रही छुट्टी को किसी भी परिस्थिति में Child Care Leave में परिवर्तित नहीं किया जाएगा।
    (vii) Child Care Leave को किसी अन्य प्रकार के लीव अकाउंट से डेबिट नहीं किया जाएगा। Child Care Leave का अवकाश लेखा राज्य सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट प्रपत्र में रखा जाएगा और इसे सेवा पुस्तिका में चिपकाया जाएगा।
    (viii) अवकाश स्वीकृत करने वाला प्राधिकारी आवेदित अवकाश को सरकारी कार्य के उचित एवं सुचारू संचालन अथवा विभागीय लक्ष्यों की प्राप्ति के आधार पर अस्वीकार कर सकता है।
    (ix) Child Care Leave एक कैलेण्डर वर्ष में तीन बार (spell/अवधि) से अधिक स्वीकृत नहीं की जाएगी। एक spell जो एक कैलेण्डर वर्ष में शुरू होकर दूसरे कैलेण्डर वर्ष में पूर्ण होता है तो उस spell को अवकाश शुरू होने वाले कलैंडर वर्ष में गिना जाएगा। एक बार में पांच दिनों से कम की अवधि के लिए Child Care Leave की अनुमति नहीं दी जाएगी।
    (x) आमतौर पर परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु को परिवीक्षा अवधि के दौरान Child Care Leave स्वीकृत नहीं किया जाएगा। तथापि, विशेष परिस्थितियों में यदि परिवीक्षा अवधि के दौरान Child Care Leave स्वीकृत किया जाता है तो परिवीक्षा काल उतने ही दिन आगे बढेगा जितने दिन की Child Care Leave स्वीकृत किया जाता है
    (xi) Child Care Leave उपार्जित अवकाश की तरह ही माना जाएगा और तदनुसार ही स्वीकृत किया जाएगा। अतः एक महिला कार्मिक या एक एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी को अपने बच्चे के पालन/ परीक्षा/ बिमारी के समय अधिकतम 120 दिन की Child Care Leave कार्यालयाध्यक्ष द्वारा स्वीकृत की जायेगी विशेष परिस्थितियों (टीबी, कैंसर, कोढ़ वह मानसिक रोग की चिकित्सा हेतु) 120 से अधिक Child Care Leave विभागाध्यक्ष स्वीकृत कर सकेंगे । Child Care Leave के साथ अन्य अवकाशों के संयोजन के कारण अवकाश अवधि 120 दिन से अधिक हो जाती है तो ऐसे अवकाश विभागाध्यक्ष द्वारा स्वीकृत किए जायेंगे
    (xii) Child Care Leave के पहले व बाद में आने वाले रविवार व अन्य अवकाश को इस अवकाश में नहीं गिना जायेगा परंतु Child Care Leave के मध्य में आने वाले रविवार, राजपत्रित व अन्य अवकाश उपार्जित अवकाश की तरह ही Child Care Leave में गिने जायेंगे
    (xiii) सक्षम प्राधिकारी/चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी विकलांगता के दस्तावेज के आधार पर Child Care Leave स्वीकृत करने से पहले सरकारी कर्मचारी से विकलांग बच्चे की निर्भरता का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाएगा।
    (xiv) विदेश में रहने वाले अवयस्क बच्चे की परीक्षा या बीमारी के संबंध में Child Care Leave ​​संबंधित शैक्षणिक संस्थान या किसी अधिकृत चिकित्सक, जैसा भी मामला हो, द्वारा इस संबंध में जारी प्रमाण पत्र के आधार पर स्वीकृत किया जाएगा। विदेश में रहने वाले अवयस्क बच्चे के संबंध में Child Care Leave प्राप्त करने वाले सरकारी कर्मचारी को भारत से बाहर छुट्टी पर जाने के लिए सभी निर्देशों का पालन करना होगा और इस तरह की छुट्टी की अस्सी प्रतिशत अवधि उस देश में व्यतीत करना होगी जिस देश में बच्चा रहता है।
    (xv) भारत या विदेश में छात्रावास में रहने वाले नाबालिग बच्चे की परीक्षा के संबंध में Child Care Leave स्वीकृत होने से पहले सरकारी कर्मचारी को यह स्पष्ट करना होगा कि ऐसे नाबालिग बच्चे की देखभाल उसके द्वारा कैसे की जाएगी।"
महत्वपूर्ण बिंदु
  • असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर एक कलेण्डर वर्ष के दौरान चाइल्ड केयर लीव के दो spell के बीच तीन महीने का न्यूनतम अंतर होगा (जोधपुर हाई कोर्ट आदेश दिनांक 07.01.2019)
  • उच्चाधिकारियों को स्वीकृति हेतु भेजे जाने वाले आवेदन पत्रों के साथ नियन्त्रण अधिकारी द्वारा इस आशय की घोषणा करते हुए कि उक्त अवकाश स्वीकृति से कार्यालयी / विद्यालयी कार्यों के सुचारू संपादन एवं विभागीय / राज्य के लक्ष्यों की पूर्ति में किसी प्रकार का व्यवधान पैदा नहीं होगा, अग्रेषण अधिकारी को स्पष्ट अभिशंषा के साथ अग्रेषित किया जाये ।
  • आहरण वितरण अधिकारी की सक्षमता अवधी से अधिक अवधि के अवकाश प्रकरण ही सक्षम उच्च अधिकारीयों को स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया जावे ।
  • उच्च स्तर पर स्वीकृति योग्य प्रकरण जिला शिक्षा अधिकारी अपनी स्पष्ट अभिशंषा कर प्रेषित करें ।
  • राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में अवकाश स्कति हेतु आवेदन सक्षम अधिकारी को पर्याप्त समय पूर्व देना होगा।
  • एक कार्यालय में एक समय में 20% से अधिक कार्मिकों को CCL स्वीकृत नहीं की जायेगी
  • विभाग के अधीन विद्यालयों / कार्यालयों में महिला कार्मिकों की संख्या अधिक होने की स्थिति में अधिक आवेदन प्राप्त होने के पर कार्यालय संचालन सुचारू रखते हुए आवेदनों पर निम्न प्राथमिकता क्रम रखा जाये-
    ★आकस्मिक गंभीर कारण यथा बच्चे की गम्भीर बीमारी, जिसमें बच्चा अस्पताल में इनडोर भर्ती हो अथवा दुर्घटना के कारण विशेष देखभाल की आवश्यकता हो ।
    ★ दिव्यांग सन्तान की माताओं को / गम्भीर रोग से पीड़ित बच्चे की देखभाल हेतु ।
    ★ सन्तान के परीक्षा में बैठने के कारण आवेदन प्राप्त हो तो बोर्ड परीक्षा अथवा उच्च व्यावसायिक संस्थान में प्रवेश हेतु परीक्षा के कारण प्राप्त आवेदन ।
    ★ उपरोक्त प्राथमिकता क्रम में आवेदन स्वीकृति के समय विधवा और परित्यक्ता श्रेणी की महिला कार्मिक को प्राथमिकता दी जावे ।
    ★ कार्यालय / विद्यालय में कार्यरत कुल कार्मिकों की संख्या के 20% से अधिक कार्मिकों की एक समय में "चाईल्ड केयर लीव' स्वीकृत नहीं की जाये
  • "चाईल्ड केयर लीव' स्वीकृत करने अथवा स्वीकृति हेतु उच्चाधिकारियों को प्रकरण प्रेषित करने से पूर्व निम्न बातों का ध्यान रखा जाये:-
    ★ प्राप्त आवेदनों का तिथिवार संधारण करें तथा प्राप्ति के दिन ही रजिस्टर में उसकी प्रविष्टि करें । ऐसे रजिस्टर को संस्था में सभी के अवलोकन की व्यवस्था की जावे ।
    ★ सन्तान की परीक्षा तैयारी हेतु प्राप्त आवेदन पत्र के साथ परीक्षा की तिथि, प्रवेश सम्बन्धी दस्तावेज पुष्टि हेतु प्राप्त करें ।
    ★ अवकाश हेतु आवेदित अवधि में से आवश्यक अवधि की सीमा तक ही अवकाश स्वीकृत किया जावे।
    ★ एक कार्मिक की "चाईल्ड केयर लीव' स्वीकृत करने के पश्चात, आगामी अवकाश स्वीकृति, अन्य महिला कार्मिकों के पूर्व में प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार के उपरान्त ही प्राथमिकता अनुसार किया जायें।
    ★ अवकाश पर प्रस्थान से पूर्व संबंधित महिला कार्मिक द्वारा आवश्यक निर्धारित दायित्व पूर्ण कर लिये हो, यथा उत्तरपुस्तिकाओं की जांच / आवंटित पाठ्यक्रम को पूर्ण करना आदि की पुष्टि अवश्यमेव कर ली जाये !
    ★ सेवा से निरन्तर अनुपस्थित कार्मिकों के नियमानुसार कार्यग्रहण पश्चात अनुपस्थिति अवधि के निस्तारण उपरान्त ही "चाईल्ड केयर लीव" आवेदन पर विचार किया जाये ।
    ★ अवकाश आवेदन स्वीकृति उपरान्त कार्यालय की आवश्यकता व कार्य में राज्य के लक्ष्यों में पूर्ति में बाधा उत्पन्न होने की परिस्थितियों में स्वीकृत आवेदन को स्वीकृतिकर्ता प्राधिकारी निरस्त अथवा अवधि को घटा सकेगा।
    ★ उच्चाधिकारियों को स्वीकृति हेतु भेजे जाने वाले आवेदन पत्रों के साथ नियन्त्रण अधिकारी द्वारा इस आशय की घोषणा करते हुए कि उक्त अवकाश स्वीकृति से कार्यालयी / विद्यालयी कार्यों के सुचारू संपादन एवं विभागीय / राज्य के लक्ष्यों की पूर्ति में इससे किसी प्रकार का व्यवधान पैदा नहीं होगा, अग्रेषण अधिकारी को स्पष्ट अभिशंषा के साथ अग्रेषित किया जाये ।
    आवेदन पत्र के साथ निम्नांकित दस्तावेज भी आवश्यक रूप से प्राप्त किये जायें:-
    (a) राशन कार्ड की प्रति
    (b) जीवित सन्तानों के जन्म प्रमाण पत्रों की प्रति
    (c) सन्तान के दिव्यांग प्रमाण पत्र की प्रति
    (d) सन्तान की बीमारी से सम्बन्धित दस्तावेज
    (e) सन्तान की परीक्षा / परीक्षा तिथि / प्रवेश सम्बन्धी आवश्यक प्रमाण पत्रों की प्रति
    एक महिला कार्मिक द्वारा निम्न कारणों से CCL हेतु आवेदन किया जा सकेगा
    (i) बच्चे की गंभीर बीमारी अथवा विकलांगता के कारण देखभाल हेतु
    (ii) सेकंडरी व सीनियर सेकेंडरी परीक्षा के समय देखभाल हेतु
    (iii) सेकंडरी व सीनियर सेकेंडरी परीक्षा के अतिरिक्त शिक्षण कार्य के समय देखभाल हेतु
    (iv) 3 वर्ष तक की आयु के बच्चे के पालन हेतु
                                              
                                                         
Munna Lal Kala
                                                      Lecturer(Geography)
                                                           GSSS Burod
हिंदी रूपांतरण केवल सुविधा के लिए किया गया है किसी विवाद की स्थिति में अंतिम निर्णय वित्त विभाग की अधिसूचनाक्रमांक F.1(6)FD/Rules/2011 जयपुर, दिनांकः 22 मई 2018 एवं संशोधित अधिसूचनाक्रमांक F.1(6)FD/Rules/2011 जयपुर, दिनांकः 31 जुलाई 2020 के अनुसार ही मान्य होगा

5. लोकतंत्र के परिणाम

लोकतंत्र : लोकतंत्र सरकार का एक रूप है जिसमें शासक लोगों द्वारा चुने जाते हैं।
तानाशाही या किसी अन्य विकल्प की तुलना में लोकतंत्र बेहतर है क्योंकि: 
यह नागरिकों में समानता को बढ़ावा देता है। 
यह व्यक्ति की गरिमा को बढ़ाता है। 
यह निर्णय लेने की गुणवत्ता में सुधार करता है 
यह संघर्षों को हल करने का एक तरीका प्रदान करता है 
यह गलतियों को सुधारने की गुंजाइश देता है। 
जवाबदेह, उत्तरदायी और वैध सरकार : 
1. लोकतंत्र में लोगों को चुनाव के माध्यम से अपने शासकों को चुनने का अधिकार है और लोगों का शासकों पर नियंत्रण होता है। वे निर्णय लेने में भाग लेने में सक्षम होते हैं, जो उन्हें प्रभावित करता है। इस प्रकार लोकतंत्र एक ऐसी सरकार का निर्माण करता है जो नागरिकों के प्रति जवाबदेह होती है, और नागरिकों की जरूरतों और अपेक्षाओं के प्रति उत्तरदायी होती है। 
2. लोकतंत्र विचार-विमर्श और बातचीत के विचार पर आधारित है। 
3. लोकतंत्र सुनिश्चित करता है कि निर्णय लेना मानदंडों और प्रक्रियाओं पर आधारित होगा। इसलिए, प्रत्येक नागरिक को निर्णय लेने की प्रक्रिया की जांच करने का अधिकार और साधन है, इसे पारदर्शिता के रूप में जाना जाता है।
4. नागरिकों के साथ जानकारी साझा करने के मामले में लोकतांत्रिक सरकारों का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है।
5. मूल रूप से, लोकतंत्र से ऐसी सरकार की उम्मीद करना उचित हो सकता है जो लोगों की जरूरतों और मांगों के प्रति चौकस हो और भ्रष्टाचार से काफी हद तक मुक्त हो।
6. लोकतांत्रिक सरकार निश्चित रूप से अपने विकल्पों से बेहतर है क्योंकि लोकतांत्रिक सरकार वैध सरकार है।
7. एक लोकतांत्रिक सरकार लोगों की अपनी सरकार होती है। यही कारण है कि लोकतंत्र के विचार को पूरी दुनिया में भारी समर्थन मिल रहा है।
लोकतंत्र की सफलता के लिए शर्तें
नियमित, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव।
प्रमुख नीतियों और कानूनों पर खुली सार्वजनिक बहस।
नागरिकों को सरकार और उसके कामकाज के बारे में जानकारी पाने का अधिकार।
कुछ लोग सोचते हैं कि लोकतंत्र कम प्रभावी सरकार बनाता है। यह सच है कि गैर-लोकतांत्रिक शासकों को विधानसभाओं में विचार-विमर्श या बहुमत और जनमत की चिंता नहीं करनी पड़ती। इसलिए, वे निर्णय लेने और कार्यान्वयन में बहुत तेज़ और कुशल हो सकते हैं। लोकतंत्र विचार-विमर्श और बातचीत के विचार पर आधारित है। इसलिए, कुछ देरी होना तय है। अधिकांश लोकतंत्रों में चुनाव नहीं होते हैं जो सभी को निष्पक्ष अवसर प्रदान करते हैं। नागरिकों के साथ जानकारी साझा करने के मामले में लोकतांत्रिक सरकारों का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है। लोकतंत्र अक्सर लोगों की ज़रूरतों को पूरा नहीं करते हैं और अक्सर अपनी आबादी के बहुमत की माँगों को अनदेखा करते हैं। 
लोकतांत्रिक सरकार निश्चित रूप से अपने विकल्पों से बेहतर है लोकतांत्रिक सरकार वैध सरकार है। यह धीमी, कम कुशल, हमेशा बहुत उत्तरदायी या साफ-सुथरी नहीं हो सकती है। लेकिन एक लोकतांत्रिक सरकार लोगों की अपनी सरकार होती है। यही कारण है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के विचार को भारी समर्थन मिल रहा है। दक्षिण एशिया के साक्ष्य बताते हैं कि लोकतंत्र के लिए समर्थन लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के साथ-साथ गैर-लोकतांत्रिक शासन वाले देशों में भी मौजूद है। लोग अपने द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा शासित होना चाहते हैं। वे यह भी मानते हैं कि लोकतंत्र उनके देश के लिए उपयुक्त है। लोकतंत्र की अपनी खुद की सहायता जुटाने की क्षमता ही एक ऐसा परिणाम है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।
आर्थिक वृद्धि और विकास:
लोकतंत्र की तुलना में तानाशाही में आर्थिक वृद्धि की दर थोड़ी अधिक होती है। लेकिन लोकतंत्र की उच्च आर्थिक विकास प्राप्त करने में असमर्थता अकेले लोकतंत्र को अस्वीकार करने का कारण नहीं हो सकती क्योंकि आर्थिक विकास जनसंख्या के आकार, वैश्विक स्थिति, अन्य देशों के साथ सहयोग और आर्थिक प्राथमिकताओं जैसे कारकों पर भी निर्भर करता है।
तानाशाही और लोकतंत्र वाले कम विकसित देशों के बीच आर्थिक विकास की दरों में अंतर नगण्य है।
असमानता और गरीबी में कमी:
प्रतिनिधियों के चुनाव में सभी व्यक्तियों का समान महत्व होता है। (मतदान का अधिकार)
लोकतंत्र राजनीतिक समानता पर आधारित है और राजनीतिक क्षेत्र में व्यक्तियों को समान स्तर पर लाता है।
आर्थिक असमानताओं को कम करने में लोकतंत्र बहुत सफल नहीं रहा है।
बहुत कम संख्या में अति-धनी लोग धन और आय का अत्यधिक अनुपातहीन हिस्सा प्राप्त करते हैं। देश की कुल आय में भी उनका हिस्सा बढ़ रहा है।
समाज के सबसे निचले तबके के लोगों के पास जीवित रहने के लिए बहुत कम संसाधन उपलब्ध हैं। उनकी आय में गिरावट आई है।
सामाजिक विविधता का समायोजन
लोकतंत्र को एक सामंजस्यपूर्ण सामाजिक जीवन का निर्माण करना चाहिए।
सामाजिक मतभेदों, विभाजन और संघर्षों को संभालने की क्षमता लोकतंत्र का एक निश्चित प्लस पॉइंट है।
यह समझना आवश्यक है कि लोकतंत्र केवल बहुमत की राय से शासन नहीं है। बहुमत को हमेशा अल्पसंख्यक के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता होती है
यह भी आवश्यक है कि बहुमत का शासन धर्म या जाति या भाषाई समूह आदि के संदर्भ में बहुसंख्यक समुदाय द्वारा शासन न बन जाए।
नागरिकों की गरिमा और स्वतंत्रता:
व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में लोकतंत्र से बेहतर कोई सरकार नहीं है। लोकतंत्र स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है
व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता : 
हर व्यक्ति साथी प्राणियों से सम्मान चाहता है।
सम्मान और स्वतंत्रता के लिए जुनून लोकतंत्र का आधार है।
भारत में लोकतंत्र ने वंचित और भेदभाव वाली जातियों के समान दर्जा और समान अवसर के दावों को मजबूत किया है।
पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और समान व्यवहार एक लोकतांत्रिक समाज के आवश्यक तत्व हैं।
कई लोकतंत्रों में, महिलाओं को लंबे समय तक उनके वोट के अधिकार से वंचित रखा गया था, जिसे उन्होंने अब हासिल किया है।
यह नागरिकों की जरूरतों और अपेक्षाओं के प्रति उत्तरदायी है।
लोकतंत्र के प्रति असंतोष की सार्वजनिक अभिव्यक्ति लोकतांत्रिक परियोजना की सफलता को दर्शाती है
यह दर्शाता है कि लोगों में जागरूकता और अपेक्षा करने की क्षमता विकसित हुई है।
लोग सत्ताधारियों को आलोचनात्मक दृष्टि से देखते हैं। वे लोकतंत्र को बेहतर बनाना चाहते हैं।
वे अभिव्यक्ति और शिकायतें लेकर आते हैं। वे अपने लोकतांत्रिक अधिकारों को महत्व देते हैं।

  1. सामाजिक विविधता को समायोजित करने के लिए कौन सा शासन सबसे उपयुक्त है?
    लोकतांत्रिक शासन
  2. लोकतंत्र में सरकार किसके प्रति उतरदायी होती है ?
    जनता के प्रति
  3. आज दुनिया के लगभग कितने देशो में लोकतांत्रिक विधमान है ?
    100 देशो में
  4. किस सरकार ने फैसला लेने में बिलम्ब होती है ?
    लोकतंत्र में
  5. लोकतंत्र में चुनावों में भाग लेने और अपने प्रतिनिधित्व चुनने का अधिकार किसको होता है ?
    जनता
  6. किस देश में आधी आबादी गरीबी में रहती है?
    बांग्लादेश
  7. लोकतन्त्र में निर्णय  निर्माण में समय अधिक क्यों लगता है? 
    क्योंकि लोकतन्त्र विचार-विमर्श एवं समझौते के विचारों पर आधारित होता है। 
  8. लोकतंत्र का आधार क्या है।
    सम्मान और स्वतंत्रता के लिए जुनून लोकतंत्र का आधार है।
  9. सरकार का कौन सा रूप सबसे अच्छा/बेहतर माना जाता है ?
    कुछ कमियों के बावजूद दुनिया भर में किस प्रकार की सरकार को स्वीकार किया जाता है?
    किस शासन प्रणाली में 'व्यक्ति की गरिमा' सर्वोत्तम रूप से सुरक्षित रहती है?
    लोकतंत्र सरकार का सबसे अच्छा रूप है
  10. शासन की किस व्यवस्था में  गलतियों को सुधारने की गुंजाइश होती है?
    लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था में  
  11. व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में कौन सी सरकार बेहतर है ?
    लोकतंत्र सरकार
  12. आर्थिक संवृद्धि के मामले में किस प्रकार की शासन व्यवस्था का रिकॉर्ड लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था के मुकाबले ठीक-ठाक है ? 
    उत्तर तानाशाही शासन व्यवस्था का।
  13. लोकतंत्र किस क्षेत्र में तानाशाही के समान परिणाम प्राप्त करने में विफल रहता है ? 
    आर्थिक विकास में
  14. अलोकतांत्रिक सरकारें लोकतंत्र की तुलना में जल्दी निर्णय क्यों ले लेती हैं?
    क्योंकि उन्हें विधायिका का सामना नहीं करना होता है।
  15. लोकतंत्र किस विचार पर आधारित है?
    लोकतंत्र विचार-विमर्श और बातचीत के विचार पर आधारित है।
  16. वैध शासन किस शासन व्यवस्था में देखने को मिलता है? 
    लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था में 
  17. लोकतंत्र का अर्थ समझाइए 
    लोकतंत्र सरकार का एक ऐसा रूप है जिसमें शासक लोगों द्वारा चुना जाता हैं 
  18. लोकतंत्र के प्रति असंतोष की सार्वजनिक अभिव्यक्ति क्या दर्शाती है ?
    लोकतांत्रिक परियोजना की सफलता को 
  19. पारदर्शिता का क्या अर्थ है 
    पारदर्शिता का अर्थ है कि प्रत्येक नागरिक को निर्णय लेने की प्रक्रिया की जांच करने का अधिकार और साधन है 
  20. ‘‘लोकतंत्र राजनीतिक समानता पर आधारित है।'' इस कथन का उदाहरण सहित समर्थन करें।
    (i) एक लोकतांत्रिक सरकार नियमित, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव आयोजित करके लोगों द्वारा चुनी जाती है
    (ii) प्रतिनिधियों के चुनाव में सभी व्यक्तियों का समान महत्व होता है। (मतदान का अधिकार)
    (iii) लोकतंत्र में, लिंग, जाति, धर्म या नस्ल के बावजूद प्रत्येक नागरिक के मत का समान मूल्य होता है।
  21. तानाशाही या किसी अन्य विकल्प की तुलना में लोकतंत्र बेहतर क्यों  है 
    क्योंकि: 
    यह नागरिकों में समानता और गरिमा को बढ़ावा देता है। 

    यह निर्णय लेने की गुणवत्ता में सुधार करता है 
    यह संघर्षों को हल करने का एक तरीका प्रदान करता है 
    यह गलतियों को सुधारने की गुंजाइश देता है। 
  22. लोकतांत्रिक सरकार को एक जवाबदेह, उत्तरदायी और वैध सरकार क्यों माना जाता है।' 
    1. लोकतंत्र में लोगों को चुनाव के माध्यम से अपने शासकों को चुनने का अधिकार है और लोगों का शासकों पर नियंत्रण होता है। वे निर्णय लेने में भाग लेने में सक्षम होते हैं, जो उन्हें प्रभावित करता है। इस प्रकार लोकतंत्र एक ऐसी सरकार का निर्माण करता है जो नागरिकों के प्रति जवाबदेह होती है
    2. लोकतांत्रिक सरकारें नागरिकों की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं के प्रति उत्तरदायी होती हैं यह प्रमुख नीतियों और विधानों पर खुली सार्वजनिक बहस पर काम करती है यह नागरिकों को सरकार और उसके कामकाज के बारे में जानकारी का अधिकार देती है
    3. लोकतांत्रिक सरकार निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया के ज़रिए लोगों द्वारा चुनी जाती है इसलिए लोकतांत्रिक सरकार वैध सरकार है।
  23. "पूरी दुनिया में लोकतंत्र के विचार को भारी समर्थन मिल रहा है।" उदाहरणों के साथ इस कथन का समर्थन करें। 
    (i)  यह जवाबदेह, उत्तरदायी और वैध सरकार है। 
    (ii) दक्षिण एशिया के साक्ष्यों से पता चलता है कि लोकतंत्र के लिए समर्थन लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के साथ-साथ गैर-लोकतांत्रिक शासन वाले देशों में भी मौजूद है। 
    (iii) लोग अपने द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा शासित होना चाहते हैं। 
    (iv) लोगों का मानना ​​है कि लोकतंत्र उनके देश के लिए उपयुक्त है। 
    (v) लोकतंत्र में अपना समर्थन स्वयं उत्पन्न करने की क्षमता होती है। 
  24. "लोकतंत्र सामाजिक विविधताओं को समायोजित करता है" उदाहरण के साथ कथन का समर्थन करें
    (i) लोकतंत्र में सामाजिक मतभेदों, विभाजनों और संघर्षों को संभालने की क्षमता होती है।
    (ii) लोकतंत्र तनाव के विस्फोटक या हिंसक होने की संभावना को कम करता है।
    (iii) लोकतंत्र व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है।
    (iv) लोकतंत्र ने वंचित और भेदभाव वाली जातियों के लिए समान दर्जा और समान अवसर के दावों को मजबूत किया है।
    (v) लोकतंत्र महिलाओं को सम्मान और समान व्यवहार देता है।
    (vi) लोकतंत्र आमतौर पर बहुमत-अल्पसंख्यक समायोजन के लिए एक प्रक्रिया विकसित करता है।